200 करोड़ की स्कॉलरशिप देना हमारा लक्ष्य,-अंकित गुप्ता

फिजिक्सवाला एडटेक क्षेत्र में एक जाना-माना नाम है। कोविड के दौरान 2020 में शुरू हुआ यह स्टार्टअप आज एक यूनिकॉर्न बन चुका है। एडटेक स्टार्टअप जहां फंडिंग की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं फिजिक्सवाला लगातार विस्तार की योजना बना रहा है। हाइब्रिड मॉडल से पढ़ाने वाली यह कंपनी आज कई वर्टिकल में बच्चों की सफलता में योगदान दे रही है। गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा देने के विजन के साथ शुरू हुई यह कंपनी उन बच्चों तक पहुंचना चाहती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद पढ़ाई में अच्छे हैं। ऐसे बच्चों के लिए वह खास स्कॉलरशिप प्रोग्राम भी लेकर आई है।

एडटेक की दुनिया में फिजिक्सवाला यूनिकॉर्न बन चुकी है। कामयाबी के इस सफर के बारे में बताएं।
फिजिक्सवाला 2020 में बना था। अभी हमारे पास 12,000 कर्मचारी हैं। करीब 2,800 शिक्षक हैं। हमारी खास बात है कि हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देते हैं। हमारे सभी कोर्स किफायती भी हैं। गुणवत्ता पर हम सबसे अधिक ध्यान देते हैं। हमारा कंटेंट अच्छा है। नीट और आईआईटी जेईई में इस्तेमाल होने वाली हमारी किताबें बाजार में सबसे अच्छी हैं। नीट समेत 25 से ज्यादा हमारे वर्टिकल हैं। एनडीए में 2023 में हमने नंबर एक रैंक दिया है। यूपीएससी में भी इस साल 170 बच्चों को क्वालिफाई कराया है।

आगे विस्तार की क्या योजना है?
फिजिक्सवाला ने डेढ़ साल पहले पहला ऑफलाइन वर्टिकल पाठशाला नाम से खोला। पिछले साल जून में विद्यापीठ वर्टिकल की शुरुआत की, जो ऑफलाइन है। पाठशाला हाइब्रिड है यानी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों। पाठशाला और विद्यापीठ के जरिये इस अकादमिक वर्ष हम 1.50 लाख से ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पाठशाला 16 और विद्यापीठ 37 शहरों में मौजूद है। अगले साल हम 40 पाठशाला व 26 विद्यापीठ और खोलेंगे। 2024 में पाठशाला और विद्यापीठ दोनों मिलाकर 110-115 शहरों में पहुंच जाएंगे। वहां करीब 2.50 लाख बच्चे पढ़ेंगे।

स्टार्टअप में गवर्नेंस को लेकर सवाल उठते रहे हैं। क्या इसलिए ब्रांडिंग पर ज्यादा जोर रहता है?
हमारे यहां गवर्नेंस को लेकर पारदर्शिता है। इसलिए, हमारा मार्केटिंग बजट काफी कम होता है। हम माउथ पब्लिसिटी पर भरोसा करते हैं। हमारा कोर्स इतना किफायती और गुणवत्तापूर्ण है कि हमें इसकी जरूरत नहीं पड़ती है।

महंगी पढ़ाई के दौर में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए कोई योजना?
सितंबर में एनसेट यानी नेशनल स्कॉलरशिप एडमिशन टेस्ट लॉन्च किया है। यह आर्थिक रूप से पिछड़े पर पढ़ाई में बहुत अच्छे बच्चों के लिए है। इस साल हमारा लक्ष्य 200 करोड़ की स्कॉलरशिप देना है। यह परीक्षा 15 अक्तूबर को होगी। इसमें बच्चों की फी 90 फीसदी तक माफ होगी। उम्मीद है कि 15 लाख से ज्यादा बच्चे एनसेट देंगे।

कोटा में बच्चों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं हैं। इसे रोकने के लिए कोचिंग संस्थानों को आगे नहीं आना चाहिए?
कोटा की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इसे रोकने में पेरेंट्स के साथ कोचिंग संस्थानों की बड़ी भूमिका है। तनाव से निपटने के लिए बच्चों की काउसलिंग जरूरी है। पेरेंट्स का समर्थन जरूरी है। इसे देखते हुए फिजिक्सवाला ने प्रेरणा नाम से एक इनिशिएटिव शुरू किया है। इसमें एक डेडिकेटेड लाइन है, जहां फोन कर बच्चे अपनी परेशानियों के बारे में बात कर सकते हैं। अब तक बच्चों के 21,000 फोन आ चुके हैं। हमारे सेंटरों पर साइकोलॉजिस्ट भी हैं। हमने विद्यापीठ रेसिडेंशियल प्रोग्राम भी शुरू किया है। यह अभी तीन शहरों इंदौर, पटना और कोटा में है। यहां पढ़ने के साथ बच्चों के रहने की भी सुविधा है। अगले साल यह प्रोग्राम सभी शहरों में लॉन्च करेंगे।

Related Articles

Back to top button