सनातन धर्म में विवाह को पवित्र कर्म कांड माना गया है। ज्योतिष पंचांग देखकर और कुंडली मिलान कर विवाह मुहूर्त निकालते हैं। शास्त्रों में निहित है कि शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वर और वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। अतः विवाह तय करते समय तिथि का विशेष ध्यान रख जाता है। वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है। इस दौरान शादी-विवाह समेत अन्य शुभ कार्य करने की मनाही होती है। वहीं, कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी तिथि से विवाह का लग्न शुरू होता है। आइए, नवंबर महीने में विवाह मुहूर्त की तिथियां जानते हैं-
कब है देवउठनी एकादशी?
हर वर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इसके अगले दिन यानी 24 नवंबर को तुलसी विवाह है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन से विवाह का लग्न शुरू होता है।
नवंबर माह विवाह मुहूर्त
23 नवंबर को विवाह मुहूर्त है। इस दिन रेवती नक्षत्र है। वहीं, संध्याकाल में द्वादशी तिथि है।
24 नवंबर को विवाह मुहूर्त है। इस दिन तुलसी विवाह भी है। अतः यह दिन बेहद शुभ है। इस दिन विवाह तय कर सकते हैं। हालांकि, कुंडली मिलान कर तिथि निर्धारित करना श्रेष्ठकर होता है।
27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। ज्योतिषियों की मानें तो पूर्णिमा तिथि विवाह हेतु उत्तम मानी जाती है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र है।
28 नवंबर को भी विवाह मुहूर्त है। इस दिन मंगलवार है। शास्त्रों में मंगलवार के दिन विवाह करना वर्जित है। अतः तिथि निर्धारण से पहले स्थानीय पंडित से अवश्य सलाह लें।
नवंबर महीने में अंतिम लग्न यानी विवाह मुहूर्त 29 नवंबर को है। इस दिन तिथि द्वितीया है। वहीं, नक्षत्र मृगशिरा है। इसके पश्चात, दिसंबर महीने में विवाह मुहूर्त है। हालांकि, स्थानीय तिथि में अंतर हो सकता है। इसके लिए विवाह तिथि और विवाह निर्धारण के लिए स्थानीय पंडित से भी अवश्य सलाह लें।