गरबा जाने वालों को पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए.

नवरात्रि के करीब आने के मद्देनजर ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की अहमदाबाद शाखा ने शनिवार को कहा कि परिवार में हृदयरोग की पृष्ठभूमि वाले 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को ‘गरबा’ में जाने से पहले अपनी जांच करवा लेनी चाहिए. आईएमए ने दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर ‘गरबा’ में जाने वालों और उसके आयोजकों के लिए दिशानिर्देश जारी किये हैं.

दिशानिर्देश के अनुसार जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदयरोग आदि हैं, उन्हें दिल के दौरे के जोखिम से बचने के लिए ‘गरबा’ खेलने से परहेज करना चाहिए. एसोसिएशन ने कहा कि ‘गरबा’ जाने वालों को पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स जैसे केले या नारियल पानी का सेवन करना चाहिए, यदि उन्हें चक्कर आ रहा है या छाती में भारीपन महसूस हो रहा तो तो उन्हें तत्काल डांस रोक देना चाहिए. उन्हें डांस के समय अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीना चाहिए.

उसने ‘गरबा’ आयोजकों को किसी भी आकस्मिक स्थिति में निकटतम अस्पतालों के संपर्क में रहने की सलाह दी है. उसने कहा कि यदि संभव हो तो वे आयोजन स्थलों पर प्राथमिक सुविधाओं के साथ एक डॉक्टर भी ड्यूटी पर रख सकते हैं. उसने कहा कि आयोजकों को भीड़भाड़ से बचना चाहिए क्योंकि कम जगह पर भीड़ से ऐसी घटनाएं हो सकती हैं. उसने कहा कि आयोजकों को अपने कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों को ‘सीपीआर’ तकनीक का प्रशिक्षण देना चाहिए तथा एंबुलेंस की आवाजाही के लिए निर्धारित मार्ग एवं प्रवेश-निकास के वास्ते दिशासूचक व्यवस्था करनी चाहिए.

आईएमए ने कहा है कि बच्चों, युवकों, बुजुर्गों में अचानक हृदय गति रूक जाने और समय से पहले मौत हो जाने के मामले बढ़ रहे हैं. उसने कहा कि ‘गरबा’ के दौरान लोग नौ दिनों तक उत्सव मनाते हैं, ‘जंक फुड’ खाते हैं और फिर रोजमर्रा के काम पर चले जाते हैं, फलस्वरूप वे कम नींद ले पाते हैं एवं इससे उनमें हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है.

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