पूर्व कानून मंत्री एवम् उप मुख्यमंत्री के खास प्रधान संघ के अध्यक्ष द्वारा किया गया कानून की अनदेखी
अमेठी। पूर्व कानून मंत्री एवम् उप मुख्यमंत्री के खास प्रधान संघ के अध्यक्ष सतीष मिश्र द्वारा नियम कानून की अनदेखी करते हुए मजदूरो की मजदूरी मजदूरों को न करते हुए अपने चहेते लोगों के खाते में भेज कर श्रमिकों का हक मार लिया गया है। अपनी ऊंची पहुंच व रसूख बताकर अधिकारियो को गुमराह करते हुए अनियमित भुगतान किया गया। हुसैनपुर ग्राम पंचायत के लोगों की माने तो ग्राम पंचायत में कई ऐसे कार्य बिना कराए ही भुगतान कर लिया गया है। अपनी राजनीतिक पहुंच का रुतबा बताकर कई अनियमित कार्य इनके द्वारा किया जाता है। हम बात करें गावों का कायाकल्प करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर साल एक-एक ग्राम पंचायत को लाखों रुपए दे रही है। इन पैसों से वहां शौचालय, नाली खडंजा, पानी, साफ सफाई, पक्के निर्माण होने चाहिए। आपके घर का पानी सड़क पर न बहे ये भी पंचायत का काम है, लेकिन ज्यातादर लोग इस बारें में जानते नहीं है। यही वजह है कि आज ग्राम पंचायतों में हर तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार व्याप्त है। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार रोकने की चाहे जितनी मुहिम चला ले लेकिन उनके नुमाइंदे उनकी भ्रष्टाचार मुक्त योजना में पलीता लगाने से बाज नहीं आने वाले हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि मजदूरों की मजदूरी का पैसा जो सीधे मजदूरों के खाते में जाना चाहिए वही सामग्री क्रय का भी पैसा सीधे फर्म को भुगतान होना चाहिए। लेकिन यहां तो कुछ बेलगाम मनबढ ग्राम प्रधान व सचिव डबल इंजन की सरकार कहीं जाने वाली प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनाए हुए नियमों को चुनौती देकर अपना ही नियम कानून चलाते नजर आ रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद अमेठी के विभिन्न विकासखण्डों की जहां मनबढ ग्राम प्रधान व सचिवों का अपना ही कानून चलतें हैं। राज वित्त एवं 15 वें वित्त योजना के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी का पैसा 12 ब्लॉकों के लगभग 400 ग्राम पंचायतें में मजदूरों की मजदूरी का भुगतान या तो स्वयं ग्राम प्रधान के खाते में या फिर उनके सहयोगी एक ही व्यक्ति के खाते में भारी भरकम मजदूरी की धनराशि भेजी जा रही है।
मामले की शिकायत इक्काताजपुर निवासी सुरजीत यादव ने जिला मजिस्ट्रेट अमेठी किया तो 138 ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव को भारी पड़ रहा है। नियम के तहत मजदूरी का भुगतान श्रमिक के खाते में होना चाहिए। लेकिन, यहाँ पर उसके खाते में न देकर दूसरे के खाते में धनराशि भेजकर उसका वितरण कराया गया। जांच में मजदूरों ने काम होने और पैसा मिलने की बात भी स्वीकार की नियमों की अनदेखी करने पर 138 ग्राम पंचायतों के प्रधान व सचिव से 1.68 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जिला मजिस्ट्रेट अमेठी द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त सचिव व ग्राम प्रधान के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया गया लेकिन अभी तक केवल जांच और रिकवरी के नाम पर मामले को लटकाने की कोशिश की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस तरह मजदूरी व सामग्री का भुगतान हुसैनपुर ग्राम प्रधान सतीष मिश्र द्वारा विभिन्न कार्यों पर लगे मजदूरों की मजदूरी व क्रय सामग्री का भुगतान व्यक्तिगत खातों कर लिया गया है शिकायत पर जिला विकास अधिकारी व सहायक वित्त एवम् लेखाधिकारी ( डीआईओएस) अमेठी की संयुक्त जांच समिति से कराएं जाने पर शिकायत सही पाई गई है। जांच के क्रम जिला मजिस्ट्रेट अमेठी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। प्रधान सतीष मिश्र द्वारा नोटिस का जबाव दिया जो संतोषजनक नहीं पाया गया। जिसके क्रम में अमेठी जिला मजिस्ट्रेट द्वारा हुसैनपुर ग्राम प्रधान व सचिव को 152942 रुपए ग्राम पंचायत के ग्रामनिधि प्रथम खाते में जमा कर रशीद तत्काल जिला पंचायतराज अधिकारी अमेठी को उपलब्ध कराएं जाने का आदेश दिया है।
नियमों की अनदेखी करना
ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों मैं अनियमितता किए जाने की शिकायत पूरे इक्काताजपुर निवासी सुरजीत यादव ने किया था। जांच के लिए डीएम के आदेश पर कमेटी गठित की गई थी।
विकास कार्यों में अनियमितता की शिकायत की जांच के बाद हुई कार्रवाई
अनदेखी का मामला आया डीपीआरओ श्रीकांत यादव बताते हैं कि जून 2020 से यह व्यवस्था की गई थी कि श्रमिको का भुगतान उनके बैंक खाते में पीएफएमएस के जरिए किया जाएगा। लेकिन इन गांवों में श्रमिकों के खाते में पैसा न भेजकर दूसरे के खाते में मजदूरी भेजी गई। बाद में उसे निकालकर वितरण किया गया। नियमों की अनदेखी के मामले को गंभीरता से लिया गया है।
डीपीआरओ ने बताया कि इस मामले में ग्राम प्रधान व सचिव को नोटिस जारी कर साक्ष्य सहित जवाब मांगा गया था। जिसका संतोष जनक जवाब न मिलने पर अब 1.68 करोड़ की वसूली की कार्रवाई की जा रही है.