महिला आरक्षण में पारदर्शिता के लिए परिसीमन जरूरीः अमित शाह

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण देते समय पादर्शिता बेहद जरूरी है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद ही जनप्रतिनिधियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार ने फैसला लिया है।

गृह मंत्री ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। शाह ने विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे कई प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने महिला आरक्षण में देरी से जुड़े प्रश्न के उत्तर में कहा कि कौन सी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, इसका निर्णय कौन लेगा। इसे राजनीति दृष्टि से भी देखा जा सकता है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद पूरी पारदर्शिता से महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व होंगी।

गृह मंत्री ने विपक्ष की ओर से ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के मुद्दे का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग तीनों में 33 प्रतिशत के हिसाब से लागू होगा। यह केवल एक शुरुआत है महिलाओं को आरक्षण देने की। आने वाली सरकारें इसमें अन्य विषयों को जोड़ सकती हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी के सचिवों में ओबीसी की संख्या से जुड़े विषय पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश को सरकार चलती है, सचिव नहीं चलाते। उनकी सरकार में ओबीसी सांसदों और मंत्रियों की पर्याप्त संख्या है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी समाज से आते हैं।

अपने भाषण के अंत में गृहमंत्री ने सभी दलों से सर्वसम्मति से महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाज की स्थिति को देखते हुए महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए आरक्षण विधेयक लाया गया है।

उन्होंने सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में सरकार में आने के बाद से महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके लिए 11 करोड़ परिवारों को शौचालय बनाने में मदद की गई, महिलाओं को आवास योजना के तहत पक्के मकानों का मालिक बनाया गया, जनधन योजना से उनके खाते खोले गए और हर जल योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन को आसान बनाया है।

बाद में एक प्रश्न में बीजू जनता के सांसद भर्तृहरि महताब ने लोकसभा में महिलाओं को सीटें आरक्षित करने से जुड़ा एक प्रश्न पूछा। उन्होंने जानना चाहा कि लोकसभा की सीटें क्या राज्य अनुसार ही 33 प्रतिशत आरक्षित होंगी। इसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग इस विषय पर विचार करेगा और तय करेगा कि लोकसभा में सीटें कैसे महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

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