मंत्रीद्वय सारंग और सखलेचा ने किया 10वें भोपाल विज्ञान मेले का शुभारम्भ

– अब लांससेट जनरल भी हिन्दी में प्रकाशित होगीः सारंग

– वैज्ञानिक अनुसंधान की बदौलत भारत बनेगा विश्व गुरुः सखलेचा

भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शुक्रवार को भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर 10वें भोपाल विज्ञान मेला का उद्घाटन किया। समारोह में एम्प्री के निर्देशक अवनीश श्रीवास्तव, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी और विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ. अमोध गुप्ता उपस्थित थे।

समारोह को संबोधित करते हुए विश्वास सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की सभी पांच वर्षों की पढ़ाई हिन्दी में शुरू होने के साथ ही अमरीका से प्रकाशित होने वाली चिकित्सा क्षेत्र की रिसर्च जनरल पत्रिका लांससेट का हिन्दी में भी प्रकाशन होगा। वहीं, मंत्री सखलेचा ने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना वैज्ञानिक अनुसंधान विकास से भारत विश्व गुरु बनेगा।

मंत्री सारंग ने कहा कि आदि अनादि और पुरातन परंपरा के साथ भारतीय विज्ञान सदियों से जुड़ा रहा है और जन्म से मृत्यु तक तथा जीवन के संपूर्ण काल की सभी प्रक्रियाएं विज्ञान से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने जय जवान-जय किसान के साथ जय विज्ञान जोड़ा तो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए नारा जय जवान-जय किसान, जय विज्ञान को जय अनुसंधान से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि हमारा दर्शन वैज्ञानिक है और दुनिया ने चन्द्रयान-3 की सफलता से देश की शक्ति को देखा है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले छह महीनों में एमबीबीएस का संपूर्ण पाठ्यक्रम यानि संपूर्ण पांच वर्षों की पुस्तकें हिन्दी में रूपांतरित की हैं।

मंत्री आमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि सिविलाइजेशन की प्रक्रिया में पहले धर्म और बाद में विज्ञान आया। उन्होंने कहा कि वेदों की ऋचाओं में उपलब्ध ज्ञान-विज्ञान आज के विज्ञान में 20 प्रतिशत भी नहीं है। पिछले दस वर्षों में दुनिया ने भारतीय वैज्ञानिकों की धाक जमी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और नीतियों से आज चन्द्रयान-3 की सफलता हो, कम लागत में वंदे भारत ट्रेन हो या कोरोना की वैक्सीन का अविष्कार भारत हर क्षेत्र में आगे है।

सखलेचा ने कहा कि भारत में शोध आधारित विकास से देश में बहुत सकारात्मक बदलाव आया है। विज्ञान भारती ने विज्ञान को गांव-गांव और स्कूलों तक पहुंचाया है। उन्होंने जर्मनी भाषा सीखकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बच्चों की जर्मन सरकार द्वारा दी जा रही सहूलियतों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारतीय ज्ञान और विज्ञान को दुनिया मान रही है। भारत की पहचान सकारात्मकता के साथ विचारों को शोधपरक बनाने की है और हमारे विद्यार्थी जीवन के आनंद और सुख को बढ़ाने के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना अनुसंधान कर रहे हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों से कहा कि वे प्रधानमंत्री के भारत को आत्म निर्भर बनाकर विश्वगुरू बनने के संकल्प को पूरा करें।

प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने कहा कि भोपाल में राज्य शासन अनुसंधान और विकास के लिए एक साइंस सेंटर खोलेगा तथा जल्द ही प्रदेश की नई आईटी नीति भी घोषित की जाएगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. कोठारी, एम्प्री के निर्देशक श्रीवास्तव और विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ. गुप्ता ने भी समारोह को संबोधित किया।

उल्लेखनीय है कि मेला में परमाणु ऊर्जा, इसरो,डीआरडीओ ब्रम्होस, एनटीपीसी, सीएसआईआर, आईसीएमआर, आईसीएआर, एम्प्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं उद्योगों द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली नवीनतम तकनीक एवं उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। ग्रास रूट इनोवेशन एवं नवाचार के तहत भी मेला में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियो द्वारा अपने इनोवेशन आईडियास एवं माडल्स प्रदर्शित किए गए हैं। मेला 18 सितम्बर तक चलेगा।

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