इटावा। केके कालेज में हिंदी दिवस के अवसर पर वैश्विक परिदृश्य में हिंदी का विकास एवम चुनौतिया विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के वक्ता प्रो उदयवीर सिंह ने हिंदी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हिंदी भाषा है ,जिस पर सदैव प्रत्येक भारतीय को गर्व रहा है।इसके द्वारा ही हमारे सांस्कृतिक संस्कारों एवम जीवन मूल्यों का उचित संप्रेषण होता है। हिंदी बहुत ही समृद्ध एवम सरल होने के कारण हमारी राजभाषा है ।जिसमे अन्य बोली भाषाओं के शब्दों को समहित करने की क्षमता है।वर्तमान में हिंदी देश के 11 राज्यो एवम 3 संघ शासित क्षेत्रों प्रमुख राजभाषा होने के साथ ही आठवी अनुसूची में उल्लिखित 21 भाषाओं में भी इसका स्थान है।हिंदी भाषा विश्व के लगभग 30 देशों में बोली जाती है साथ ही विश्व के लगभग 100 विश्विद्यालय में ये पढ़ाई जाती है।चाहे बिट्रेन हो या यूरोप एवम अमरीका सहित सभी देश सोशल मीडिया ,इंटरनेट एवम विभिन्न सॉफ्टवेयर के माध्यम से हिंदी को अंगीकृत कर रहे है ये गौरव का विषय है ।14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। 14 सितंबर 1953 से प्रतिवर्ष देश में हिंदी दिवस इसी तिथि को मनाया जाता है। वक्ता प्रो. पदमा त्रिपाठी ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी बोलने,पढ़ने,लिखने में हमे गर्व महसूस करना चाहिए क्योंकि यही हमारे मौलिक विचारो एवम संवाद की भाषा है।भाषा का विकास उसे स्वीकारने ,बोलने और उसके साहित्य रचने तथा उसके पढ़ने पढ़ाने पर निर्भर करता है ।ऐसा न करने पर वह धीरे धीरे विलुप्त हो जाती है।गोष्ठी का संचालन कार्यक्रम संयोजिका डा चित्रा यादव ने किया। गोष्ठी में प्रो शिवराज सिंह यादव,प्रो सुनील सिंह सेंगर,प्रो ओमकुमारी, डा अनिल यादव, डा सुरभि यादव , डा स्नोज यादव, डा सुजीत यादव,हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रो सुभाष चंद्र,असिस्टेंट प्रो अजय कुमार,असिस्टेंट प्रो अनुपम कुमार सहित कालेज के बड़ी संख्या में शिक्षक,कर्मचारी एवम छात्र छात्राएं मौजूद रहे।