फतेहाबाद । पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव टोहाना से लड़ेंगे। अभी जेजेपी व भाजपा गठबंधन में है। आगामी चुनाव भी गठबंधन से लड़ा जाएगा और चुनाव बबली ही लड़ेगा, यह दोनों दलों की लीडरशिप तय करेगी।
वह फतेहाबाद में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दिल खोलकर अपने समाजसेवी, राजनीतिक व मंत्री बनने के बाद के कार्यकाल पर बात की। अपने विरोधियों पर भी तीखे निशाने साधने से वे नहीं चूके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से नजदीकी और भविष्य में भाजपा की टिकट पर चुनाव लडऩे की संभावनाओं पर बबली ने कहा कि यह सवाल अभी जल्दी है लेकिन सरकार गठबंधन में ही बनेगी, आगे की बात समय बताएगा, फिलहाल वे जेजेपी में हैं।
इंडिया गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इनका कुनबा चुनाव तक बिखर जाएगा, इनकी आपसी कंट्रोवर्सी जनता देख रही है। फतेहाबाद जिले के मेडिकल कॉलेज पर उन्होंने कहा कि भले ही यह टोहाना क्षेत्र में बन रहा हो लेकिन इससे पूरे जिले को लाभ होगा। 1100 करोड़ रुपये का बजट जब घूमेगा तो पूरे जिले में रोजगार मिलेगा। इसकी 35 एकड़ जमीन ट्रांसफर हो चुकी है, पूरी डीपीआर बन कर विभाग से अपू्रव होकर मुख्यमंत्री के पास जा चुकी है। पहले फेस में 200 करोड़ खर्च होंगे जबकि 4-5 साल में बनने पर इसकी लागत 1100 करोड़ खर्च होगी। इस साल के अंत तक पहले फेस की फैसिलिटी शुरू हो जाएगी और इसकी उसारी भी शुरू हो जाएगी।
बबली कहा कि उन्होंने भाई भतीजावाद, डकैती की राजनीति, विकास का पैसा जेब में डालने वालों की राजनीति बंद की है। वे बतौर विधायक सत्ता सुख नहीं सत्ता सेवा के लिए आए हैं। उनके पसीने से ईमानदारी की खुशबू आएगी। सांसद सुनीता दुग्गल द्वारा किसान संगठनों को विपक्षी दलों के लोग बताने पर उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं हर चीज के पीछे यह राजनीति हो रही है, यह सही है, यह राजनीति प्रदेश के विकास में बाधा पहुंचाने का काम करती है। मनरेगा के लोगों को बहला फुसलाकर इक्कठे करते हैं और नारेबाजी करते हैं। अब इनके गांवों की जनता को भी इनका पता चल गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पंचायती विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़े स्तर पर भर्ती पहली बार अब हो रही है। इससे विभाग की स्ट्रेंथ बढ़ रही है और विकास की रफ्तार अब बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अब व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है, ग्राम दर्शन पोर्टल के माध्यम से अंतिम छोर तक के लाभार्थी को लाभ दिया जाएगा। कहीं-कहीं कोई तकनीकी खामियां आ रही हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है।