रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच हुई बैठक में साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ रहने का संकल्प लिया गया। चार घंटे तक चली बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे को पूरे समर्थन की बात दोहराई।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन इस समय रूस के दौरे पर गए हैं। रूस के सबसे बड़े घरेलू अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र में दोनों नेताओं की मुलाकात बेहद गर्मजोशी से हाथ मिलाकर हुई। पुतिन ने किम का रूस में औपचारिक स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच चार घंटे तक हुई बातचीत में किम जोंग उन ने मास्को की पवित्र लड़ाई का जिक्र करते हुए व्लादिमीर पुतिन और रूस को उत्तर कोरिया का पूरा समर्थन देने की बात कही।
पुतिन ने कहा कि उन्हें किम को रूस में देखकर और उनका स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच यह बैठक एक बहुत ही खास समय पर हो रही है। हाल ही में, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने अपने निर्माण और स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। साथ ही पुतिन ने याद दिलाया कि रूस ने ही सबसे पहले संप्रभु स्वतंत्र राज्य-डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया को मान्यता दी थी।
पुतिन ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक तारीख है, क्योंकि हमारे देश ने स्वतंत्रता की लड़ाई में कोरिया की मदद की। दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग और मानवीय प्रकृित के मसलों पर चर्चा के दौरान एक दूसरे के साथ खड़े होने की बात कही। पुतिन ने सेटेलाइट निर्माण में उत्तर कोरिया की मदद की बात भी कही। किम जोंग ने पुतिन से कहा कि सोवियत संघ ने उत्तर कोरिया की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। अब रूस के साथ संबंध उत्तर कोरिया के लिए पहली प्राथमिकता है।
किम ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी यह बैठक दोनों देशों के संबंधों को एक नए स्तर पर आगे ले जाएगी। रूस अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए आधिपत्यवादी ताकतों के खिलाफ एक पवित्र लड़ाई के लिए आगे आया है।