नई दिल्ली । मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित सत्येन्द्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम राहत बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत की अवधि 25 सितंबर के लिए बढ़ा दी है। आज ईडी ने सुनवाई टालने की मांग की थी, जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी। मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।
इस मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के सदस्य जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने 1 सितंबर को सुनवाई से अपने आपको अलग कर लिया था। जस्टिस प्रशांत मिश्रा के बेटे ईडी के वकील के रूप में पेश हो चुके हैं। 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि जैन की स्पाइनल सर्जरी हुई है और उन्हें आराम की जरूरत है। सिंघवी ने जैन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की। सिंघवी की दलील का ईडी ने विरोध करते हुए कहा था कि जैन को सरेंडर करने का आदेश दिया जाना चाहिए। उनकी अंतरिम जमानत एक दिन भी नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। जैन को आम कैदी की तरह समझा जाना चाहिए।
कोर्ट ने 24 जुलाई को जैन को मिली अंतरिम जमानत एक महीने के लिए बढ़ा दी थी। इससे पहले 10 जुलाई को कोर्ट ने 24 जुलाई तक की अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश दिया था। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई को सत्येंद्र जैन को छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी थी।
ईडी ने जमानत याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध करते हुए कहा था कि अगर जैन को जमानत दी जाती है, तो मामले के गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं। वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी ने कहा था कि जैन को जमानत के लिए तय ट्रिपल टेस्ट को भी पास करना होगा। 17 नवंबर, 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।