जिला अस्पताल में बच्चों का डॉक्टर नहीं, बाहर जाकर प्राइवेट में लुटिए

बदायूं। अगर आपका बच्चा बीमार है तो जिला अस्पताल के भरोसे न रहें, क्योंकि यहां छह माह से बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। अगर आप यहां बच्चे को लेकर पहुंचे तो उसे उपचार नहीं मिलेगा और लौटा दिया जाएगा। ऐसे में आपको बाहर निजी अस्पताल में जाकर अधिक खर्च कर इलाज कराना मजबूरी बन जाएगा।

जिला अस्पताल में वैसे 24 डॉक्टर हैं लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। हालांकि जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह स्वयं बाल रोग विशेषज्ञ हैं लेकिन पदभार बढ़ने के बाद से वह बच्चों का इलाज नहीं कर पा रहे हैं।

अस्पताल ज्वाइन करने के बाद नहीं आए डॉ. मुश्ताक अली

जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर शाहजहांपुर से डॉ. मुश्ताक अली आए थे। बताते हैं कि उन्होंने सात जुलाई को यहां ज्वाइन भी कर लिया लेकिन इसके बाद वह लौटकर नहीं आए। अस्पताल की ओर से उन्हें सूचना भी भेजी गई थी, शाहजहांपुर जिला प्रशासन को भी बताया गया था लेकिन फिर भी उन्होंने जिला अस्पताल आकर काम नहीं किया।

महिला अस्पताल में हैं बच्चों के तीन डॉक्टर

जिला अस्पताल के नजदीक महिला अस्पताल में अब तक दो बाल रोग विशेषज्ञ थे लेकिन शुक्रवार को ही शाहजहांपुर जिले से आए डॉ. संदीप वर्मा ने भी ज्वाइन कर लिया।

जिला अस्पताल में तैनात हैं ये डॉक्टर

डॉ. रियाज हुसैन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, डॉ. हरीश बाबू, हड्डी रोग विशेषज्ञ, डॉ. बागीश, हड्डी रोग विशेषज्ञ, डॉ. कुशल पाल सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. उत्पल रस्तोगी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. पीयूष मोहर अग्रवाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. सुशील कुमार, रेडियोलॉजिस्ट, डॉ. पीयूष रस्तोगी, रेडियोलॉजिस्ट, डॉ. अमित, ऐनेथेटिस्ट, डॉ. गणेश यादव, एनेस्थेटिक, डॉ. नरेशपाल सिंह, सीनियर कंसलटेंट, डॉ. जीके गुप्ता, ईएमओ, डॉ. राजेश कुमार वर्मा, ईएमओ, डॉ. नितिन कुमार सिंह, ईएमओ, डॉ. गजेंद्र वर्मा, ईएमओ, डॉ. शिवमोहन कमल, फिजिशियन, डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, फिजिशियन, डॉ. एमए सिद्दीकी, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ, डॉ. प्रदीप कुमार अग्रवाल, सर्जन, डॉ. रिषिम अग्रवाल, सर्जन/ ब्लड बैंक, डाॅॅ. श्रीपाल सिंह, चर्म रोग विशेषज्ञ, डॉ. अलंकार, प्रभारी एनआरसी, डॉ. एसपी सिंह, मेडिकल ऑफिसर।

जिला अस्पताल में फिलहाल बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है, हालांकि सात जुलाई को शाहजहांपुर से एक बाल रोग विशेषज्ञ आए थे। उन्होंने यहां ज्वाइन भी कर लिया था लेकिन वह लौटकर नहीं आए। इससे बच्चों के डॉक्टर की कमी है। इसके बारे में शासन को भी पत्र भेज दिया है।

डॉ. कप्तान सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल

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