उदयपुर । पूरे देश में गुरुवार-शुक्रवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम रहेगी। लालन के स्वागत में झीलों के शहर उदयपुर ने भी पलक-पांवड़े बिछा दिए हैं। शहर से लेकर गांवों तक और उदयपुर से लेकर नाथद्वारा-कांकरोली-चारभुजा तक दोनों दिन इतने आयोजन हो रहे हैं कि उदयपुर जन्माष्टमी पर वृंदावन सा नजर आएगा।
उदयपुर के समीपवर्ती पुष्टिमार्गीय प्रधानपीठ नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में जन्माष्टमी एवं नन्द महोत्सव को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। श्रीनाथद्वारा में 7 व 8 सितम्बर को जन्माष्टमी एवं नन्द महोत्सव मनाया जाएगा। यहां गुरुवार रात्रि 12 बजे शहर के रिसाला चौक में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। मंदिर के मुख्य द्वार में नक्कार खाने से ढोल, नक्कारे, बिगुल, शहनाई, थाली-मादल की मधुर ध्वनि से पूरा नाथद्वारा गुंजायमान होगा। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अगले दिन नन्द महोत्सव के अवसर पर मंदिर में श्रीजी के बड़े मुखिया द्वारा नन्द स्वरूप धारण कर केसर-युक्त दही व छाछ का छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान मंदिर के ग्वाल बाल में भी जमकर उत्सव का आनन्द लेंगे। नन्द महोत्सव के दौरान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को श्रीजी के सन्मुख पलने में झुलाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन शहर में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से सुसज्जित झांकियों की शोभायात्रा निकाली जाएगी। झांकियों के साथ घोडे, नक्कारे, श्रीनाथ बैण्ड, स्थानीय बैण्ड्स, भजन मण्डलिया एवं परम्परागत नक्कारा-निशान के साथ सुखपाल में श्री कृष्ण की बाल स्वरूप की छवि सजाई जाएगी। शोभायात्रा रिसाला चौक से प्रारंभ होकर गांधी रोड, देहली बाजार, गुर्जर पुरा, बड़ा बाजार, मंदिर परिक्रमा, प्रीतम पोली, नया बाजार, एवं चौपाटी से होकर रिसाला चौक में विसर्जित होगी।
इधर, उदयपुर के जगदीश मंदिर में 7 सितम्बर को नंद महोत्सव होगा। यहां बुधवार 6 सितम्बर की जन्माष्टमी मानी गई है। बुधवार मध्यरात्रि जन्मोत्सव के दर्शन के बाद गुरुवार को यहां परम्परानुसार ढाढ़ा-ढाढ़िन बधाई गान गाएंगे। शाम को जगदीश चौक में मटकी फोड़ प्रतियोगिता होगी। यह मटकी फोड़ प्रतियोगिता उदयपुर के प्रमुख आयोजनों में से एक है। इसे देखने बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी आते हैं।
इसी तरह, उदयपुर के विभिन्न मंदिरों में सजावट की तैयारियां हो चुकी हैं। शहर के श्रीनाथजी मंदिर, अस्थल आश्रम आदि प्रमुख मंदिरों में झांकियां भी सजाई जाएंगी। शहर में विभिन्न संस्थाओं की ओर से भी जन्माष्टमी पर विविध प्रतियोगिताएं व दही-हांडी के कार्यक्रम होंगे। गली-गली में स्थित मंदिरों में सजावट हो रही है तो बच्चों की टोलियां भी दही-हांडी की तैयारी में नजर आ रही हैं।
प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ की ओर से 7 सितम्बर को परिसर में लालन का मेला लगाया जाएगा। मेले में सुबह से रात तक कृष्ण भक्ति की सरिता बहेगी। मेले में जहां एक ओर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की झांकियां सजेंगी, वहीं दही-हांडी प्रतियोगिता की भी धूम मचेगी। खास बात यह है कि इस बार यहां महिलाओं की टोलियां भी दही-हांडी प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। प्रातःकाल 7 बजे गौरव केन्द्र परिसर के भक्तिधाम में स्थित भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों के पंचामृत अभिषेक से होगा। 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के लिए कान्हा-यशोदा वेशभूषा तथा 6 से 10 वर्ष तक की उम्र की बच्चों के लिए राधा-कृष्ण वेशभूषा प्रतियोगिता होगी। रात 8 बजे से स्थानीय गायक कलाकार भक्तिगीतों की सरिता बहाएंगे।