निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ: हापुड़ की घटना के विरोध में सोमवार को लखनऊ सहित प्रदेशभर में वकीलों ने प्रदर्शन किया।लखनऊ में सोमवार को वकील सड़कों पर निकले और मामले में कार्रवाई की मांग की है।वकील स्वास्थ्य भवन के पास एकजुट हुए। इसके बाद सीएम आवास को घेरने का ऐलान करने के साथ ही वकीलों ने सीएम योगी से मिलने की मांग की। वकीलों को रोकने के लिए सिविल कोर्ट चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।पीएसी सहित कई थानों की फोर्स तैनात थी।इसके बाद वकीलों ने बैरिकेडिंग तोड़कर मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने का प्रयास किया।तभी वकीलों और पुलिस में झड़प हुई।वकीलों ने मांग की है कि हापुड़ की घटना में जल्द से जल्द दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो।जल्द से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।इसके साथ ही जांच कमेटी टीम के गठन को लेकर भी वकीलों ने सवाल उठाए। वकील संगठन ने मांग की हाईकोर्ट के पूर्व जजों को भी कमेटी में शामिल किया जाए।
पुलिस ने स्वास्थ्य भवन चौराहे के दोनों तरफ बैरिकेंडिंग कर वकीलों को रोक लिया । पुलिस और वकीलों की बातचीत में कहा गया है कि जिन वकीलों के खिलाफ एफआईआर हुई है। उसमें उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की जाए।चार सितंबर को तहसील,जिला स्तर पर बार एसोसिएशन की ओर से धरना – प्रदर्शन किया गया। डीएम,एसडीएम को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की। पांच सितंबर को सभी कचहरी परिसर में पुतला दहन कार्यक्रम होगा। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन शिवकिशोर गौड़ ने विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है।उन्होंने बताया कि 6 सितंबर को वर्चुअल बैठक के बाद आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी । बार काउंसिल चेयरमैन ने सभी वकीलों से अनुरोध किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।कलमबंद हड़ताल रहेगी।उन्होंने यह भी बताया कि हापुड़ कांड को लेकर बार काउंसिल ने जो मांगें रखी है उनमें जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक हापुड़ का अविलम्ब स्थानांतरण,दोषी पुलिस कर्मियों जिन्होंने लाठीचार्ज किया और महिला अधिवक्ताओं को भी पीटने का कार्य किया है,उन पर तत्काल मुकदमा दर्ज हो।प्रदेशभर में अधिवक्ताओं के विरुद्ध पुलिस ने मनगढ़ंत झूठी कहानी बनाकर जो मुकदमे दर्ज किए हैं,उन्हें स्पंज किया जाए।एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट पारित कर तुरंत प्रदेश में लागू किया जाए।