नई दिल्ली । सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म के उन्मूलन’ वाले बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। राज्य में उनकी सहयोगी कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। भाजपा और विहिप उनके बयान को लेकर उनपर हमलावर हैं। इसी बीच डीएमके और खुद उदयनिधि की ओर से मामले पर सफाई दी गई है।
मंत्री उदयनिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि सनातन धर्म मलेरिया-डेंगू की तरह है और इसका उन्मूलन कर देना चाहिए।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेकर ने एक्स पर उनके बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये राजवंश (करुणानिधि परिवार) वास्तव में परजीवी हैं जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र और लोगों की संपत्ति को चूस लिया। अपने भ्रष्टाचार और परजीवी व्यवहार की आड़ में वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे आख्यान बनाते हैं और हिंदू आस्था का दुरुपयोग करते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या पार्टी उनके बयान का समर्थन करती है।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा है कि गोपालपुरम परिवार (करुणानिधि परिवार) का एकमात्र संकल्प राज्य के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक संपत्ति अर्जित करना है। उदय स्टालिन उनके पिता और उनके विचारक के पास ईसाई मिशनरियों से खरीदा हुआ विचार है और उन मिशनरियों का विचार उनके जैसे मूर्खों के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देना था। तमिलनाडु अध्यात्म की भूमि है। सबसे अच्छा काम जो वे कर सकते हैं वह है इस तरह के कार्यक्रम में माइक पकड़ना और अपनी निराशा व्यक्त करना।
इसी बीच उदयनिधि ने अपने बयान का बचाव किया है और कहा कि वे अपनी बात पर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। हम ऐसी भगवा धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हम, पेरियार, अन्ना और कलैग्नार के अनुयायी, अपने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कुशल मार्गदर्शन में सामाजिक न्याय को बनाए रखने और एक समतावादी समाज की स्थापना के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे। वे आज, कल और सदैव यही कहेंगे कि द्रविड़ भूमि पर सनातन धर्म को रोकने का हमारा संकल्प रत्ती भर भी कम नहीं होगा।
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस का मत स्पष्ट है कि हम किसी भी धर्म पर टिप्पणी नहीं करना चाहते या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में सर्वधर्म समभाव की भूमिका दी है। हम वही भूमिका लेकर चलते हैं। किसने क्या कहा, वो हमारे हाथ में नहीं है।
डीएमके प्रवक्ता सरवनन अन्नादुराई ने कहा कि पार्टी नेता के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार की बात नहीं की है। यह एक फेक खबर है और उनके खिलाफ नफरत फैलाने की साजिश है।