इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजनीति ने एक बार फिर करवट ली है। भ्रष्टाचार के आरोप में तीन साल की सजा और पांच साल चुनावी राजनीति से प्रतिबंध का सामना कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगाते हुए रिहाई के आदेश जारी किए हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इमरान खान पर आरोप था कि उन्होंने 2018-2022 तक के कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राज्य के उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचा। एक सत्र अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहरा कर सजा सुनाई थी। उन्हें पांच साल के लिए राजनीति से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।
सत्र न्यायालय से सजा पाने के बाद इमरान खान को बीती पांच अगस्त को गिरफ्तार कर अटक जेल में रखा गया था। इसके बाद इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जेल की सजा निलंबित करने की मांग की थी। इस्लामाबाद हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने इमरान खान की सजा पर रोक लगा दी है। साथ ही इमरान को तत्काल रिहा करने के आदेश भी दिए हैं।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि वह इमरान खान मामले में एक विस्तृत फैसला बाद में जारी करेगा। इस्लामाबाद हाई कोर्ट का फैसला इमरान खान के लिए बड़ी कानूनी जीत है। तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद इमरान खान के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई थी। पाकिस्तान में इस साल के आखिर या अगले साल की शुरुआत में आम चुनाव होने वाले हैं। सेना की कोशिश है कि किसी तरह से इमरान खान को इस चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाए लेकिन इमरान खान एक बार फिर से मजबूत साबित हुए हैं।
उपहारों के जरिए भ्रष्टाचार का आरोप
इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें मिले उपहारों के जरिए भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना से रियायती मूल्य पर प्राप्त एक महंगी ग्राफ कलाई घड़ी सहित अन्य उपहार खरीदने और लाभ के लिए उन्हें बेचने का आरोप है। इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशाखाना से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।