मन की बात का 104वां एपिसोड: G-20 समिट को लेकर बोले PM मोदी

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो शो ‘मन की बात’ के 104वें एपिसोड को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज ऐसे बहुत से लोग हैं, जो डेयरी को अपना कर इसे Diversify कर रहे हैं. राजस्थान के कोटा में डेयरी फार्म चला रहे अमनप्रीत सिंह के बारे में भी आपको ज़रूर जानना चाहिए. उन्होंने डेयरी के साथ बायोगैस पर भी फोकस किया और दो बायोगैस प्लांट लगाए. इससे बिजली पर होने वाला उनका खर्च करीब 70 प्रतिशत कम हुआ है. इनका यह प्रयास देशभर के डेयरी किसानों को प्रेरित करने वाला है.आज कई बड़ी डेयरी, बायोगैस पर फोकस कर रही हैं. इस प्रकार के समुदाय आधारित वैल्यू एडिशन बहुत उत्साहित करने वाले हैं. मुझे विश्वास है कि देशभर में इस तरह के ट्रेंड निरंतर जारी रहेंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है. इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है. आज लोगों में संस्कृत को लेकर जागरूकता और गर्व का भाव बढ़ा है. इसके पीछे बीते वर्षों में देश का विशेष योगदान भी है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति से जुड़ने की, हमारी परम्परा का बहुत बड़ा सशक्त माध्यम होती है हमारी मातृभाषा. ऐसे ही भारत की एक और मातृभाषा है, गौरवशाली तेलुगू भाषा। 29 अगस्त तेलुगू दिवस मनाया जायेगा. आप सभी को तेलुगू दिवस की बहुत-बहुत बधाई.

भारत ने G-20 को ज्यादा inclusive फोरम बनाया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपनी प्रेसीडेंसी के दौरान भारत ने G-20 को और ज्यादा inclusive forum बनाया है. भारत के निमंत्रण पर ही अफ्रीकन यूनियन भी G-20 से जुड़ी और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम मंच तक पहुंची. देश के 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब-करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया. G-20 के प्रतिनिधि जहां भी गए, वहां लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार 15 अगस्त के दौरान देश ने ‘सबका प्रयास’ का सामर्थ्य देखा. सभी देशवासियों के प्रयास ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को वास्तव में ‘हर मन तिरंगा अभियान’ बना दिया. तिरंगे के साथ Selfie Post करने में भी इस बार देशवासियों ने नया Record बना दिया.

G-20 प्रेसीडेंसी ‘पीपुल्स प्रेसीडेंसी’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि G-20 की हमारी Presidency, People’s Presidency है, जिसमें जनभागीदारी की भावना सबसे आगे है. G-20 के जो ग्यारह Engagement Groups 2, 3-4 Academia, Civil Society, युवा, महिलाएं, हमारे सांसद, Entrepreneurs और Urban Administration से जुड़े लोगों ने अहम भूमिका निभाई. इसे लेकर देशभर में जो आयोजन हो रहे हैं, उनसे, किसी न किसी रूप से डेढ़ करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं. जनभागीदारी की हमारी इस कोशिश में एक ही नहीं, बल्कि दो-दो विश्व record भी बन गए हैं. वाराणसी में हुई G-20 Quiz में 800 स्कूलों के सवा लाख Students की भागीदारी एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गया. वहीं, लंबानी कारीगरों ने भी कमाल कर दिया. 450 कारीगरों ने करीब 1800 Unique Patches का आश्चर्यजनक Collection बनाकर, अपने हुनर और Craftsmanship का परिचय दिया है.

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