कानपुर। योगी सरकार मछुआरा समाज के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के तहत कानपुर नगर में पहली ऐसी सहकारी समिति का गठन किया जा रहा है। जिसमें सदस्य बनने वाले हर हाथ को काम मिलेगा। जिससे एक साथ कई मछुआरों का परिवार खुशहाल हो जाएगा। लेकिन कुछ लोग ऐसे है जो सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने में जुटे हुए है। जो शिकायत करके इसके गठन में अवरोध उत्पन्न करने का प्रयास कर रहें है। यह जानकारी गुरुवार को कानपुर के सहायक निदेशक मत्स्य एन.के. अग्रवाल ने दी।
उन्होंने बताया कि कानपुर नगर में मछली का कारोबार करने वाली पांच समितियां संचालित है। लेकिन इन समितियों से आम मछुआरों का कोई सरोकार नहीं है। घाटमपुर तहसील में तीन सहकारी समिति संचालित है। एक सदर में संचालित है और नरवल में एक है। यह सभी सहकारी समितियां पहले चिटफंड द्वारा बनाया गया और मत्स्य विभाग का गठन होने के बाद पांचों को मत्स्य विभाग से जोड़ दिया गया है।
योगी सरकार बनने के बाद समाज के सबसे कमजोर वर्ग मछुआरा समाज के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के तहत प्रत्येक मछुआरा परिवार के एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पहली बार कानपुर मत्स्य विभाग ने सहकारी समिति का गठन कराने का पूरा प्रयास कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस सहकारी समिति को कानपुर नगर के बिल्हौर तहसील में स्थित ग्राम पंचायत भौसाना गांव में बनाया जा रहा है। अब तक बिल्हौर तहसील में मत्स्य कारोबार से जुड़ी एक भी सहकारी समिति का गठन नहीं हुआ था।
जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर के निर्देश पर बिल्हौर तहसील में सहकारी समिति का गठन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सहकारी समिति के सदस्य बनने के लिए मछुआरा समाज के कुल 64 लोगों ने आवेदन किया है। सभी आवेदनों की जांच मत्स्य विकास अधिकारी कानपुर नगर कुमारी कुसुम पाल और निखिल त्रिपाठी कर रहें है।
सहायक निदेशक मत्स्य एन.के. अग्रवाल ने बताया कि उप्र शासन के निर्देश के क्रम में ऐसे व्यक्ति को सदस्य बनाया जाएगा। जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा न हो और वह सरकार का किसी भी तरह का बकाएदार न हो।