रामगढ़ । जिले के रजरप्पा थाना क्षेत्र अंतर्गत चितरपुर-सिकनी रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास ग्रामीणों की पिटाई से एक युवक की मौत के बाद बुधवार को ग्रामीणों ने रजरप्पा में शव के साथ खूब हंगामा किया। इस मामले में मृतक जरियो गांव निवासी शमशाद अंसारी की पत्नी हसीना खातून ने रजरप्पा थाने में प्राथमिक दर्ज कराई है।
पुलिस को दिए गए आवेदन में हसीना ने कहा है कि उसके पति को मुसलमान कहकर पीटा गया था। उसके शरीर के सारे कपड़े खोल दिए गए थे। मुसलमान की पहचान करने के बाद ही सिकनी गांव के लोगों ने उसे पीटा है, जिससे उसकी मौत हो गई। हसीना ने पति की मौत के लिए सिकनी गांव के ही छोटेलाल महतो, कामेश्वर महतो, पूरन महतो, राजेंद्र उर्फ रमन पटेल, बलदेव ठाकुर, हितलाल महतो और गांव के 30-40 अन्य व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया है।
धर्म पूछ कर शमशाद को मारा गया, यह बेहद निंदनीय : शहजाद अनवर
शमशाद अंसारी की मौत को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने मॉब लिंचिंग की घटना करार दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह बात अब छुपी हुई नहीं है सिकनी गांव में चारों तरफ से घेर कर शमशाद की निर्मम हत्या की गई है। उसे बचाने के लिए कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया। यह बेहद ही चिंताजनक विषय है।
उन्होंने कहा कि जैसे बरही में रूपेश पांडे मामले में उसके परिजनों को सरकार ने मुआवजा और नौकरी की सुविधा दी थी। वैसे ही शमशाद के परिजनों को भी वह सारी सुविधाएं और मुआवजा मिलना चाहिए। शहजाद अनवर ने कहा कि शमशाद के हत्यारों पर जिला प्रशासन कठोर कार्रवाई करे।
दिन के उजाले में हुई घटना बेहद निंदनीय : ममता देवी
पूर्व विधायक ममता देवी ने कहा कि सोशल मीडिया पर यह वारदात घिनौना प्रतीत हो रही है। इस मामले में वे खुद मुख्यमंत्री से बात करेंगी। उन्होंने कहा कि रामगढ़ जिला प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही कहा कि पहले भी भीड़ ने रामगढ़ में लोगों की हत्याएं की हैं। इसमें जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी और न्यायालय ने भी सजा दिया था। एक बार फिर जिला प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।
ग्रामीणों ने ठग समझकर की थी शमशाद की पिटाई
रामगढ़ एसपी पीयूष पांडे ने बताया कि मंगलवार को जरियो गांव निवासी शमशाद अंसारी सिकनी गांव में गया था। वहां वह हराधन महतो नामक वृद्ध व्यक्ति से मिला। उसने बताया कि वह उनके बेटे शिक्षक रामकुमार महतो का दोस्त है। शमशाद ने खुद को भी एक शिक्षक बताया और कहा कि विभागीय कार्रवाई में रामकुमार महतो को बचाने के लिए पांच हजार रुपये लगेंगे। हराधन महतो से रुपये ठगने के बाद वह वहां से निकल गया। बाद में जब हराधन महतो को सच्चाई पता चली तो उसने ग्रामीणों से यह बात साझा की।