नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्यसभा सचिवालय ने पटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि राघव चड्ढा की मांग सही नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान 14 अगस्त को राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि आवास और भत्ते का आवंटन नियमों के मुताबिक किया जाता है। इसके लिए गठित समिति ने जो बंगला उन्हें आवंटित किया था वह उसके पात्र नहीं थे जिसकी वजह से बाद में उस बंगले को वापस ले लिया गया। राज्यसभा सचिवालय की ओर से कहा गया था कि राज्यसभा सदस्य होने के नाते चड्डा को टाइप 6 बंगला आवंटित किया जाना चाहिए था जबकि उन्हें टाइप 7 का बंगला आवंटित कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान राघव चड्डा की ओर से कहा गया था कि उन्हें परेशान करने की नीयत से आवंटित किए गए बंगले को बिना किसी कारण बताए ही रद्द कर दिया गया।
कोर्ट ने 2 जून को राघव चड्डा के सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में राघव चड्ढा का आधार मजबूत दिखाई दे रहा है। ऐसे में उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया के बिना बेदखल नहीं किया जाएगा। राघव चड्ढा ने अर्जी में कहा है कि उनका आवंटन रद्द करने वाला राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी का पत्र मनमाना है, जबकि राज्यसभा सचिवालय ने चड्ढा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि राज्यसभा सचिवालय को सुने बिना आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए था।
दरअसल, राज्यसभा सचिवालय की ओर से राघव चड्ढा को सबसे पहले नई दिल्ली में टाइप 7 बंगला आवंटित किया गया था, जो आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री को दिया जाता है। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी ने उनको दूसरा नया बंगला उनकी सांसद कैटेगरी के अनुसार टाइप 6 आवंटित किया, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे।