मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना लागू की जा रही है। इस योजना से कौशल विकास के साथ रोजगार के दौरान प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज इस योजना का शुभारंभ करेंगे। वे युवकों को नौकरी के अनुबंध पत्र वितरित करेंगे। पहले चरण में एक लाख युवकों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य है।
इस योजना के पहले चरण में एक लाख युवाओं को रोजगार उन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद आवश्यकतानुसार लक्ष्य को बढ़ाया जाएगा. योजना के तहत चयनित मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा निर्धारित कोर्स में प्रशिक्षणार्थी के रूप में पंजीकृत किया जाएगा, जिसमें पाठ्यक्रमों की सूची योजना के पोर्टल www.mmsky.mp.gov.in पर उपलब्ध रहेगी. योजना की पात्रता के लिए आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो, आयु 18 से 29 वर्ष हो और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास, आईटीआई उत्तीर्ण , डिप्लोमा उत्तीर्ण , स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है.
कितना मिलेंगा प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड
इस योजना के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है. योजना में चयनित छात्र -छात्राओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप स्टाइपेन्ड मिलेगा, जिसमें 12वीं उत्तीर्ण को प्रतिमाह 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000 और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होने पर 10 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. इस योजना में युवाओं को अपने संस्थानों में रोजगार दिलाने के लिए 1 जुलाई तक 10 हजार से अधिक प्रतिष्ठानों ने पंजीयन कराया है, जिसके द्वारा लगभग 35000 प्रशिक्षण रिक्तियां प्रकाशित की जा चुकी है. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इस नई पहल से प्रदेश के युवाओं के सपनों को नए पंख लगेंगे.
कौशल और कमाई के साथ रोजगार के भी अवसर
‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ‘के लागू होने से काम सीखने के साथ-साथ युवाओं को आर्थिक रूप से जो मदद मिलेगी वह उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी. आमतौर पर औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पर्याप्त संख्या में कार्यकुशल मानव संसाधन नहीं मिल पाते है. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार को उनके कौशल विकास के लिए इस तरह की योजना की जरूरत महसूस हुई, जहां पर युवाओं को काम सीखने के साथ ही कमाई के अवसर भी मिलेंगे. योजना में युवाओं को उद्योगों, सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण के साथ ही नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने या फार्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र देगा. इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है. प्रशिक्षित युवाओं को अच्छे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.