रांची । हाई कोर्ट ने सोमवार को जमशेदपुर के मानगो सहारा सिटी में नाबालिक से दुष्कर्म और देह व्यापार कराने के मामले फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के भाई गुड्डू गुप्ता, तत्कालीन डीएसपी और थानेदार समेत 22 लोगों को आरोपित बनाए जाने को लेकर जमशेदपुर की निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने मामले में दायर सभी 16 आरोपितों की याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा इन्हें मामले में आरोपित बनाए जाने के आदेश को सही ठहराया। अब आरोपितों के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल चलेगा। कोर्ट ने पूर्व में मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद की कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने पैरवी की, वहीं पीड़िता की ओर से अधिवक्ता देवेश अजमानी ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि पीड़िता की मां ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के भाई गुड्डू गुप्ता, तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा और तत्कालीन एमजीएम थाना प्रभारी इमदाद अंसारी समेत 22 लोगों को आरोपित बनाने के लिए जमशेदपुर की स्पेशल कोर्ट में अर्जी दी थी। ये अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली थी और सभी 22 लोगों को मामले में आरोपित बनाने और ट्रायल चलाने का आदेश दिया था, जिसे 16 आरोपितों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
मामला 19 जनवरी 2018 का है, जहां पीड़िता ने अदालत में बयान दर्ज कराया कि उसके साथ करीब 24 लोगों ने दुष्कर्म किया है। आरोप के बाद डीएसपी और थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया था लेकिन पुलिस की जांच में दोनों अफसरों को क्लीन चिट दे दिया गया था।