जानकारी के अभाव में प्रधान और सचिव ने किया नियमों का उल्लघंन
अब प्रधानों और सचिवों के लिए काल बने अफसर
जिले भर के ग्राम पंचायत सचिवों ने किया वित्तीय नियमों के विपरीत भुगतान
अब तक मात्र एक ही प्रधान और सचिव को किया गया एफआईआर और बर्खास्त
जिले के अफसरों ने कभी नहीं की प्रधानों के साथ बैठक
कानून के जानकारों ने भी नहीं दी नियमों की जानकारी
अमेठी। जिले भर की ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों ने वित्तीय नियमों के विपरीत कानून को तार- तार करते हुए श्रमिकों और वेंडरो का भुगतान अपने चहेते लोगों के खाते में कर दिया। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है जिन सचिवों ने शासनादेश का उल्लघंन करते हुए भुगतान किया है उन्हें नियमों की जानकारी नहीं रही। प्रधान और सचिव ने जिस नियम के विपरीत भुगतान किया है वह नियम 16 जून 2020 से पूरे प्रदेश में पंचायत राज विभाग द्वारा लागू किया गया है। मजे की बात यह कि उक्त नियम की जानकारी उच्च स्तर के अधिकारियो ने न तो सचिवों को दी, न ही इसकी जानकारी ग्राम प्रधानों को ही दिया गया। जब पूरे जिले में प्रधान और सचिव ने जानकारी के अभाव में भुगतान कर डाला तो जांच के नाम पर उक्त कृत्य के जिम्मेदार अधिकारी ही प्रधानों और सचिवों के लिए काल बन बैठे। पहले तो जिले के अफसर जांच के नाम पर वसूली करते हैं उसके बाद जब शिकायतकर्ता मजबूती से अपने शिकायत पर अड़ा रहता है तो प्रधानों और सचिवों पर कार्यवाही कर देते हैं। जबकि ग्राम पंचायतों में हो रहे अनियमित भुगतान के लिए जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी के बाद ही प्रधान और सचिव दोषी हैं। फिलहाल जिले के अफसर अपना गला फंसते देख अब प्रधान और सचिव का गला घोंटने की तैयारी बना रहें हैं।
इस प्रधान और सचिव पर हुई एफआईआर
श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान उनके खाते में न कर व्यक्तिगत खाते में करने पर इक्काताजपुर ग्राम प्रधान विमला देवी और पंचायत सचिव मुकेश कुमार पर बाजार शुकुल थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी को किसी भी गांव में अनियमितता मिलने पर तत्काल मुकदमा दर्ज करवाने का आदेश दिया है।
जांच में सामने आई बात
इन दिनों जिले की लगभग 200 से अधिक ग्राम पंचायतें जांच के घेरे में हैं। जहां जांच के बाद एक तथ्य सामने आ रही है कि ज्यादातर ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने श्रमिकों या वेंडर को भुगतान उनके खाते में न कर व्यक्तिगत खातों में भुगतान किया है। जबकि मजदूरी का भुगतान श्रमिकों और मैटेरियल खरीद का भुगतान वेंडर को करना था।
इस शासनादेश का हुआ उल्लघंन
प्रमुख सचिव महोदय उ०प्र० शासन पंचायतीराज अनुभाग-3 के शासनादेश संख्या-1017 33-3-2020-11 / 2020 दिनांक- 16.06.2020 के क्रम में अवगत कराया गया है कि भारत सरकार के अर्द्धशासकीय पत्र संख्या – सी०सी०ए० / पी०आर० / पी0एफ0एम0एस0 / रिपोर्ट / 2018-19 दिनांक – 28.11.2019 में निर्देश दिये गये है कि पचायतीराज विभाग के केन्द्र पुरोनिधानित समस्त योजनाओ की धनराशि पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से व्यय की जायेगी। इस क्रम में सभी संबंधित एजेन्सी एंव वेण्डर्स को पी०एफ०एम०एस० पोर्टल पर रजिस्टर्ड एंव मैप किया जाना था। इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि लाभार्थियो एंव वेण्डर्स को भुगतान पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से किया जाये। यह भी निर्देशित किया गया है कि किसी भी एजेन्सी द्वारा वेण्डर, मजदूर अथवा कार्यालय व्यय हेतु एडवांस का भुगतान जो पी०एफ०एम०एस० पर है, उसके माध्यम से ही किया जाये। भारत सरकार के निर्गत शासनादेश संख्या- 1017 / 33 -3-2020-11/2020 दिनांक 16.06.2020 के बिन्दु संख्या – 3 के प्रस्तर (ii) में निर्देशित किया गया है कि ग्राम पंचायत स्तर से मैटेरियल के तान के लिये वेण्डर व मजदूरो के भुगतान के लिये मजदूरो का बैंक खाता भी पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से मैप किये जायेगें, शासनादेश के बिन्दु संख्या – 2 में निर्देशित किया गया है कि दिनांक 30.06.2020 के उपरान्त सभी भुगतान पी०एफ०एम०एस० की व्यवस्था के अनुसार ही किया जाना है।
शिकायतों के बाद आयुक्त ने दिया निर्देश
अमेठी जिले में अलग-अलग लगभग 200 ग्राम पंचायतों में हुए शिकायतों के बाद आयुक्त मंडल अयोध्या ने 17 जून 2023 स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि मण्डल स्तरीय अधिकारियो के ग्राम पंचायतों के निरीक्षण के समय यह तथ्य संज्ञान में आया है कि ग्राम पंचायतों द्वारा मजदूरी का भुगतान सीधे मजदूरो के बैंक खाते में न करके किसी एक व्यक्ति को किया जा रहा है तथा उस व्यक्ति द्वारा मजदूरो को मजदूरी का वितरण किया जा रहा है जो कि शासनादेश में दिये गये निर्देशो के विपरीत है तथा शासकीय धनराशि के दुरुपयोग व गबन की सम्भावना । जिसके दृष्टिगत शासनादेश में दिये गये निर्देशो का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने की अपेक्षा की गयी है ।
जिला पंचायत राज अधिकारी भी दबाएं रहे आदेश
जिले में ताबड़तोड़ हो रहे अनियमित भुगतान के बाद भी मजदूर और वेंडर को भुगतान संबंधी शासनादेश जिला पंचायत राज अधिकारी सालों तक दबाएं रहें उक्त शासनादेश की जनकारी न तो सचिवों को दिए, न ही ग्राम प्रधानों के साथ बैठक करके शासनादेश की जानकारी दी। जिले में लगातार शासनादेश के उल्लघंन की शिकायत और एक प्रधान व सचिव पर कार्यवाही करने के बाद अमेठी जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत यादव द्वारा 2 सितंबर 2022 को आदेश देते हैं कि शासन के पत्र दिनांक – 16.06.2020 में दी गयी गतिविधियो/ दिशा निर्देशो का शत्प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय आदेश पंत्राक- 622/पं०/ स्था0-2/ पी0एफ0एम0एस0 / 2020 – 21 दिनांक 24.06.2020 एंव जिला पंचायतराज अधिकारी अमेठी के कार्यालय पंत्राक- 2511 / पं० / स्था० / विविध / 2022 – 23 दिनांक – 02.09.2022 द्वारा समस्त संबंधित को निर्देश निर्गत करते हुए कहते हैं कि ग्राम पंचायतों द्वारा दिशा निर्देशो का शत्प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित नही किया जा रहा है। जिसके कारण ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे कार्यों में प्रयुक्त सामग्री एवं मजदूरी का भुगतान आपूर्तिकर्ता एंव मजदूरो को न करते हुए प्रधान, ऑपरेटर, मेट व अन्य के व्यक्तिगत खाते में वित्तीय नियमो के विपरीत किये जाने की शिकायते विभिन्न स्तरो पर प्राप्त हो रही है जो कि शासनादेश में दिये गये निर्देशो के विपरीत है तथा शासकीय धनराशि के दुरुपयोग व गबन की सम्भावना है।
देर से खुली जिला अधिकारी की नींद
अनियमित भुगतान व शासनदेश के उल्लघंन का मामला माननीय हाईकोर्ट पहुंच जाता है तो अमेठी जिला अधिकारी राकेश कुमार मिश्र की नींद खुलती है और शासनादेश दिनांक- 16.06.2020 का हवाला देते हुए 8 अगस्त 2023 को आदेश निर्गत करते हुए कहते हैं कि यदि किसी भी ग्राम पंचायत में उपरोक्त का अनुपालन सुनिश्चित नही किये जाने का मामला प्रकाश में आता है तो संबंधित सचिव व प्रधान ग्राम पंचायत सहित पर्यवेक्षणीय दायित्वो का निर्वहन सुनिश्चित नही किये जाने के लिये आप पर भी उत्तरदायित्व निर्धारित कर दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के साथ-साथ वित्तीय नियमो के विपरीत आहरित धनराशि की वसूली की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी । जिसके लिये संबधित स्वंय जिम्मेदार होगें ।