प्रयागराज । प्रशिक्षण कार्यक्रम के विषयवस्तु में विभाग से सम्बन्धित प्रशासनिक एवं प्रबन्धकीय, अकादमिक, वित्तीय एवं विधिक पक्षों को समाहित किया गया है। क्योंकि आपके दायित्वों के दृष्टिगत इन पक्षों का समग्र ज्ञान आवश्यक है। कुशल अधिकारी में एक बेहतर प्रबन्धक के गुण होने चाहिये। यह बातें सीमैट के निदेशक दिनेश सिंह ने गुरूवार को राज्य शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट), उप्र, प्रयागराज में प्रान्तीय शिक्षा सेवा संवर्ग (पी.ई.एस) अधिकारियों का आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के उपरान्त कही। उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिससे प्रशिक्षणार्थी अपने न्यूनतम संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग कर सके तथा अपने अधिनस्थों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए लक्ष्य ससमय प्राप्त कर सके। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों का प्रत्यक्ष संपर्क जनप्रतिनिधियों से होता है। हमें यह समझना होगा कि जनप्रतिनिधियों का एक महत्वपूर्ण दायित्व यह होता है कि वह जनसमुदाय की आकांक्षाओं पर खरा उतरे। इसके लिये आवश्यक है कि जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को समझें और बेहतर संवाद स्थापित करें। आप सभी मीडिया से बेहतर सम्बन्ध स्थापित करें तथा संचार माध्यमों का बेहतर प्रयोग करके सरकारी नीतियों, विभागीय उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है जो अनवरत चलती रहती है। वर्तमान दौर में कार्य की विविधता, अधिकता एवं चुनौतियां बढ़ गयी हैं। हम कैसे बेहतर लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं, इसकी चर्चा भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में की जायेगी। डॉ अमित खन्ना, विभागाध्यक्ष, सीमैट ने प्रशिक्षण की बारीकियों पर चर्चा किया एवं प्रशिक्षण अधिकारी-कार्यक्रम समन्वयक प्रभात कुमार मिश्र ने प्रशिक्षण के सभी बिन्दुओं पर प्रतिभागियों से चर्चा किया।