दिल्ली। आपको 500 रुपये का वो नोट नहीं लेना चाहिए जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के पास नहीं बल्कि गांधीजी की तस्वीर के पास है। यह दावा फर्जी है, इसपर विश्वास नहीं करना चाहिए। प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य-जांच यूनिट PIB फैक्ट चेक ने हाल ही में सोशल मीडिया पर चल रही 500 रुपये के नोट के बारे में फर्जी खबरों के प्रति लोगों को सचेत किया है।
महात्मा गांधी की तस्वीर वाली नई सीरीज में 500 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर हैं। नोट के पिछले हिस्से पर ‘लाल किला’ बना हुआ है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। नोट का बेस रंग स्टोन ग्रे है। नोट में अन्य डिजाइन और ज्योमैट्रिक पैटर्न हैं जो समग्र कलर स्कीम के साथ संरेखित हैं, दोनों आगे और पीछे।
वहीं, RBI ने बाजार से 500 रुपये के नोट गायब होने की खबरों का खंडन किया है। RBI ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा था कि उसके सिस्टम से 88,032.5 करोड़ रुपये गायब होने की खबर गलत है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरटीआई के तहत देश की तीन प्रिंटिंग प्रेसों से 500 रुपये के नोटों को लेकर दी गई जानकारी की गलत व्याख्या की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति और ट्विटर पर पोस्ट में कहा था कि आरबीआई को जानकारी मिली है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में 500 रुपये के नोट सिस्टम से गायब होने की खबर गलत है।