
देश: भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty – IWT) में संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान को औपचारिक नोटिस भेजा है। यह कदम 1960 में हुई इस संधि के अनुच्छेद XII(3) के तहत उठाया गया है, जो समय-समय पर संधि में संशोधन की अनुमति देता है। भारत का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में सिंधु जल संधि को बनाए रखना संभव नहीं है, और इसमें बदलाव की आवश्यकता है।
भारत के संशोधन के कारण
भारत ने सिंधु जल संधि में संशोधन की तीन प्रमुख वजहें बताई हैं:
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जनसंख्या और जल उपयोग में वृद्धि: भारत की बढ़ती जनसंख्या और जल उपयोग की बढ़ती मांग को देखते हुए, सिंधु जल संधि की वर्तमान शर्तें अपर्याप्त हो सकती हैं।
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स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकता: भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जलविद्युत परियोजनाओं की आवश्यकता है, जो सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर हैं।
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सीमा पार आतंकवाद: पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवादी हमलों के कारण, सिंधु जल संधि पर भारत का भरोसा प्रभावित हुआ है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत के इस कदम की आलोचना की है और इसे एकतरफा कार्रवाई बताया है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने सिंधु जल संधि के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है और बिना पाकिस्तान की सहमति के इस संधि में संशोधन की मांग की है।
भविष्य की दिशा
भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद एक संवेदनशील और जटिल मुद्दा है। दोनों देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे आपसी विश्वास और सहयोग के साथ इस मुद्दे का समाधान खोजें, ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनी रहे।