बिहार चुनाव के लिए BJP की खास रणनीति तैयार, दिग्गजों पर लगाएगी दांव, सीट शेयरिंग पर चल रहा मंथन

बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी नहीं हुआ है. लेकिन वहां के सियासी दलों में अभी से चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी चुनाव को लेकर काफी सक्रिय है. वह चुनाव को लेकर खास रणनीति बनाने में जुटी है. यही नहीं एनडीए में सीट शेयरिंग के फार्मूले पर चर्चा होने लगी है.

बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी अपने कई केंद्रीय नेताओं को बिहार के चुनाव में मैदान में उतारने की योजना बना रही है. अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार राज्य के अपने कई सीनियर नेताओं को भी चुनाव लड़ाएगी. इसके लिए आधा दर्जन दर्जन से अधिक नेताओं को चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है.

सीनियर नेताओं को भी मैदान में उतारा जाए
दिल्ली में पिछले दिनों हुए बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में इस बात को लेकर एकमत बनी कि सूबे के कई सीनियर बीजेपी नेताओं को विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा जाए. सूत्रों के मुताबिक इसमें कई पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसदों सहित लगभग आधा दर्जन सीनियर नेता शामिल होंगे जो केंद्रीय राजनीति में लगातार सक्रिय रहे हैं.

पार्टी ने इसके लिए अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है. इनमें कई नेताओं को अपने लिए मुफीद विधानसभा क्षेत्र चुनने और काम करने को भी कह दिया गया है. इस संभावित लिस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ पूर्व सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है. इनमें ओमप्रकाश यादव, और राकेश सिन्हा जैसे अहम और चर्चित नाम हैं.

सीट शेयरिंग के फार्मूले पर भी मंथन
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में हलचल तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच करीब 2 दर्जन विधानसभा सीटों की अदला-बदली को लेकर सहमति बन चुकी है. इसके तहत बीजेपी अपने कई वर्तमान विधायकों का टिकट भी काट सकती है और ये सीटें जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में जा सकती हैं. जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को भी सम्मानजनक सीट देने की खबरें हैं.

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू चाहती है कि उसे बिहार में 105 सीटें मिलनी चाहिए, जबकि बीजेपी 100 सीटों पर चुनाव लड़े. उपेंद्र कुशवाहा के गुट को 7 सीटें और, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (सेकुलर) को 8 और चिराग पासवान की पार्टी को 22-23 सीटें मिले.

सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों के चयन पर ऐलान जल्द
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह रणनीति आगामी चुनावों में संगठन को मजबूत करने और प्रभावशाली चेहरों के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करने की दृष्टि से बनाई गई है. एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों के चयन को लेकर अंतिम फैसले पर जल्द ही ऐलान भी किया जा सकता है. इसके अलावा पार्टी ने ये भी तय किया है कि बीजेपी वरिष्ठ नेताओं समेत हारे हुए सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारेगी.

हालांकि बिहार चुनाव को लेकर सियासी हलचल भले ही तेज हो चुकी है. लेकिन ज्यादातर राजनीतिक दलों ने अपने सियासी पत्ते खोले नहीं हैं. ऐसे में जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आएंगी, सत्तारुढ़ एनडीए में सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर और स्पष्टता आएगी. लेकिन एक बात यह भी है कि बिहार की सियासत में एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर बनी हलचल ने विपक्ष को भी अलर्ट कर दिया होगा.

 

 

 

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