नवकार महामंत्र दिवस पर पीएम मोदी नंगे पैर पहुंचे, बोले – जैन धर्म है भारत के बौद्धिक वैभव की रीढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को महावीर जयंती से पहले नवकार महामंत्र दिवस में शामिल हुए. पीएम ने दिल्ली के विज्ञान भवन में “नवकार महामंत्र” का जाप किया. महावीर जयंती पर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म का जश्न मनाया जाता है. इस मौके पर 108 देशों के लोग शामिल हुए. पीएम नवकार महामंत्र कार्यक्रम में श्रद्धा के प्रतीक के रूप में, बिना जूते पहने पहुंचे. साथ ही वो डायस पर नहीं बल्कि सभी लोगों के साथ बैठे. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, मैं नवकार महामंत्र की आध्यात्मिक शक्ति को अब भी अपने अंदर अनुभव कर रहा हूं.

पीएम मोदी ने कहा, कुछ साल पहले मैं बंगलुरू में ऐसे ही एक सामुहिक मंत्रोच्चार का गवाब बना था, आज वही अनुभूति हुई और उतनी ही गहराई में हुई. पीएम ने आगे कहा, नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं है. ये हमारी आस्था का केंद्र है. हमारे जीवन का मूल स्वर और इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है. ये खुद से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है, जन से जग तक की यात्रा है. इस मंत्र का प्रत्येक पद ही नहीं, बल्कि प्रत्येक अक्षर अपने आप में मंत्र है.

सम्मान में नंगे पैर पहुंचे पीएम मोदी
नवकार महामंत्र से एक ऐसी तस्वीर नजर आई जो साफ दिखाती है कि भारत की संस्कृति का पीएम कितना सम्मान करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवकार महामंत्र कार्यक्रम में श्रद्धा के प्रतीक के रूप में बिना जूते पहने पहुंचे. पीएम जब वहां पहुंचे तो उन्होंने पैरों में कोई जूते नहीं पहने हुए थे. बल्कि सिर्फ सफेद रंग के मोजे पहने थे. इसी के साथ सम्मान के लिए ही पीएम डायस पर नहीं बल्कि लोगों के बीच बैठे.

“स्वयं पर विश्वास करो”
नवकार महामंत्र पर बात करते हुए पीएम ने कहा, नवकार महामंत्र कहता है कि स्वयं पर विश्वास करो, स्वयं की यात्रा शुरू करो, दुश्मन बाहर नहीं है, दुश्मन अंदर है. यह नकारात्मक सोच, अविश्वास को दूर करता है और कहता है कि स्वार्थ ही वो दुश्मन हैं, जिन्हें जीतना ही असली विजय है. यही वजह है कि जैन धर्म हमें बाहरी दुनिया नहीं, बल्कि खुद को जीतने की प्रेरणा देता है

“नवकार महामंत्र एक मार्ग है”
पीएम मोदी ने कहा, नवकार महामंत्र एक मार्ग है. एक ऐसा मार्ग जो इंसान को अंदर से शुद्ध करता है, जो इंसान को सौहार्द की राह दिखाता है. नवकार महामंत्र सही मायने में मानव, ध्यान, साधना और आत्मशुद्धि का मंत्र है. पीएम ने आगे कहा, हम जानते हैं कि जीवन के 9 तत्व हैं. ये 9 तत्व जीवन को पूर्णता की तरफ ले जाते हैं. इसलिए हमारी संस्कृति में नव का विशेष महत्व है. नवकार महामंत्र का ये दर्शन विकसित भारत के विजन से जुड़ता है. मैंने लालकिले से कहा है – विकसित भारत यानी विकास भी, विरासत भी. एक ऐसा भारत जो रुकेगा नहीं, ऐसा भारत जो थमेगा नहीं. जो ऊंचाई छुएगा, लेकिन अपनी जड़ों से नहीं कटेगा. विकसित भारत अपनी संस्कृति पर रहेगा. इसलिए हम अपने तीर्थंकरों की शिक्षाओं को सहेजते हैं.

पीएम ने देश को दिलाए 9 संकल्प
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, आज जब इतनी बड़ी संख्या में विश्व भर में एक साथ नवकार महामंत्र का जाप किया है, तो मैं चाहता हूं कि आज हम सब जहां भी बैठे हों, 9 संकल्प लेकर जाएं. इन 9 संकल्पों से हमें नई ऊर्जा मिलेगी, ये मेरी गारंटी है.

पहला संकल्प – पानी बचाने का संकल्प
दूसरा संकल्प – एक पेड़ मां के नाम
तीसरा संकल्प – स्वच्छता का मिशन
चौथा संकल्प – वोकल फॉर लोकल
पांचवा संकल्प – देश दर्शन
छठा संकल्प – प्राकृतिक खेती को अपनाना
सातवां संकल्प – हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना
आठवां संकल्प – योग और खेल को जीवन में स्थान देना
नवां संकल्प – गरीबों की सहायता का संकल्प

क्या है ज्ञान भारतम मिशन
भगवान महावीर का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, जब भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव का समय आया तो हमने देश भर में उसे मनाया. आज जब प्राचीन मूर्तियां विदेश से वापस आती हैं, तो उसमें हमारे तीर्थंकर की प्रतिमाएं भी लौटती हैं. जैन धर्म का साहित्य भारत के बौद्धिक वैभव की रीढ़ है. इस ज्ञान को संजोना हमारा कर्तव्य है.

इसीलिए हमने प्राकृत और पाली को Classical Language का दर्जा दिया है. पीएम मोदी ने इस मौके पर ज्ञान भारतम मिशन शुरू करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से अनेक अहम ग्रंथ धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं. इसलिए हम ‘ज्ञान भारतम मिशन’ शुरू करने जा रहे हैं. इस वर्ष बजट में इसकी घोषणा की गई है. देश में करोड़ों पांडुलिपियों का सर्वे कराने की तैयारी इसमें हो रही है, प्राचीन धरोहरों को डिजिटल करके हम प्राचीनता को आधुनिकता से जोड़ेंगे. ये मिशन अपने आप में एक अमृत संकल्प है. नया भारत AI से संभावनाएं खोजेगा और अध्यात्म से दुनिया को राह दिखाएगा.

 

 

 

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