
DU Kartavyaam: दिल्ली विश्वविद्यालय ने भारत के संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘कर्तव्यम’ नामक विशेष पहल की शुरुआत की है। वाइस रीगल लॉज में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में पीएस नरसिम्हा और अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम एक वर्ष तक विविध गतिविधियों और आयोजनों के रूप में जारी रहेगा।भारत के संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डीयू ने कर्तव्यम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत डीयू के वाइस रीगल लॉज में कर्तव्यम नामक एक उच्च स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और भारत के अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस पहल के तहत एक साल तक ऐसी ही कार्यक्रम डीयू में चलेंगे। यह कार्यक्रम भारत और पड़ोसी देशों के 16 विश्वविद्यालयों के सहयोग से शुरू किया जा रहा है।कर्तव्यम का उद्घाटन डीयू की एक साल तक चलने वाली राष्ट्रीय पहल की शुरुआत का प्रतीक है जिसका उद्देश्य आधुनिक लोकतांत्रिक समाज में कर्तव्य की अवधारणा की गहरी समझ को बढ़ावा देना है।
अधिकार और कर्तव्य के संतुलन पर जोर
साथ ही राष्ट्रव्यापी नागरिक और शैक्षणिक आंदोलन को गति देना है। व्याख्यानों, संवादों, विद्वानों के आदान-प्रदान और सामुदायिक संपर्क के माध्यम से कर्तव्यम का उद्देश्य नागरिकों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है जो अपनी जिम्मेदारियों के प्रति उतने ही सजग हों जितनी कि अपने अधिकारों के प्रति। उद्घाटन सम्मेलन में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और डीयू कैंपस लॉ सेंटर के पूर्व छात्र न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने अधिकार और कर्तव्य के बीच अंतर्निहित संबंध पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीवन के कई पहलुओं में यह स्वाभाविक रूप से एक दूसरे से प्रवाहित होते हैं। भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने लोकतांत्रिक समाजों में सार्वजनिक जिम्मेदारी के सांस्कृतिक विकास पर विस्तृत व्याख्यान दिया।
कर्तव्यम के तहत वर्षभर होंगे राष्ट्रीय आयोजन
उन्होंने अधिकारों के दावे को साझा कर्तव्य की नई भावना के साथ सामंजस्य स्थापित करने वाली नागरिक सोच में आदर्श बदलाव का आह्वान किया। इस सम्मेलन में डीयू दक्षिणी परिसर निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, विधि संकाय डीन प्रो. अंजू वली टिकू, कैंपस लॉ सेंटर की प्रभारी प्रो. अलका चावला, और कर्तव्यम की कार्यक्रम निदेशक डॉ. सीमा सिंह सहित अनेकों शिक्षाविद शामिल हुए।इस अवसर पर डॉ. सीमा सिंह ने बताया कि अगले एक वर्ष तक कर्तव्यम नागरिक नवीनीकरण के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमों, विश्वविद्यालय सहयोगों और सार्वजनिक संवादों की एक श्रृंखला आयोजित करेगा।