Jhansi News: बिना एस्टीमेट मंजूर हुए ठेकेदार ने दफ्तर में करा डाली रंगाई-पोताई..

सिंचाई विभाग के बेतवा प्रखंड में एक हैरत अंगेज मामला सामने आया है। ठेकेदार ने अफसरों से बिना मंजूरी लिए कार्यालय की रंगाई-पोताई में लाखों रुपये खर्च कर दिए। मनमाने तरीके से काम कराने के बाद भुगतान के लिए बिल लगा दिया। अफसरों ने जब इस्टीमेट खंगाला तब वह नदारद मिला। ऐसे में भुगतान से इन्कार कर दिया। अब इसको लेकर विवाद शुरू हो गया।

झांसी। सिंचाई विभाग के बेतवा प्रखंड में एक हैरत अंगेज मामला सामने आया है। ठेकेदार ने अफसरों से बिना मंजूरी लिए कार्यालय की रंगाई-पोताई में लाखों रुपये खर्च कर दिए। मनमाने तरीके से काम कराने के बाद भुगतान के लिए बिल लगा दिया। अफसरों ने जब इस्टीमेट खंगाला तब वह नदारद मिला। ऐसे में भुगतान से इन्कार कर दिया। अब इसको लेकर विवाद शुरू हो गया।

भुगतान पर अड़े ठेकेदार ने कार्यालय में ताला बंद कर दिया हालांकि शनिवार को लंच के बाद उसने ताला खोल दिया। सिंचाई विभाग का यह ठेकेदार कोई और नहीं बल्कि इसी प्रखंड में तैनात एक बाबू है। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि राजनीतिक रसूख का धौंस देकर यह बाबू विभाग में पिछले कई साल से ठेकेदारी कर रहा है। अपने परिजन के नाम से एक फर्म का रजिस्ट्रेशन करा रखा है। राजनीतिक पकड़ के चलते सिंचाई अफसर उससे लिपिकीय काम नहीं ले पाते। आरोपी बाबू ने विभाग में करोड़ों रुपये के ठेके का काम करा चुका है, लेकिन इस दफा मामला फंस गया। ठेकेदार की भूमिका निभा रहे बाबू ने बिना इस्टीमेट बने सांठगांठ करके न सिर्फ कार्यालय की रंगाई-पोताई करा डाली बल्कि कार्यालय के भीतर चैंबर भी बनवा दिए। मार्च में करीब 7 लाख रुपये बिल भुगतान के लिए पेश किया, लेकिन इस्टीमेट समेत अन्य मंजूरी न होने से यह भुगतान नहीं हुआ। बाबू की तमाम पैरवी के बाद भी जब भुगतान नहीं हुआ तब उसने बृहस्पतिवार को कार्यालय में ताला बंद कर दिया था। अफसरों के समझाने पर शुक्रवार लंच के बाद उसने ताला खोला। एक्सईएन योगेश कुमार का कहना है कि अभी तक बिल उनके सामने नहीं आया है। इसकी जांच कराई जाएगी।

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