बेंगलुरु में RSS की तीन दिवसीय बैठक, मनमोहन सिंह और जाकिर हुसैन को दी श्रद्धांजलि..

बेंगलुरु में आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की शुरुआत हो गई है. यह बैठक अगले तीन दिन तक चलेगी. संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक का उद्घाटन किया. बैठक में संघ से जुड़े 32 संगठनों के करीब 1480 प्रतिनिधि शामिल होंगे. बैठक में बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीड़न और शताब्दी वर्ष को लेकर प्रस्ताव पारित होंगे.

बेंगलुरु में आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की शुरुआत हो गई है. यह बैठक अगले तीन दिन तक चलेगी. संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक का उद्घाटन किया. बैठक में संघ से जुड़े 32 संगठनों के करीब 1480 प्रतिनिधि शामिल होंगे. बैठक में बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीड़न और शताब्दी वर्ष को लेकर प्रस्ताव पारित होंगे.

आरएसएस के सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमारी तीन दिवसीय बैठक को सरसंघचालक मोहन जी और सरकार्यवाह दत्ताजी ने आरंभ कर दिया है. हमने समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों को संघ ने ट्रिब्यूट पे किया. सह सरकार्यवाह ने कहा कि पिछले साल से 10 हजार ज्यादा शाखा इस साल से लगना शुरू हुआ है. रूरल मंडल पर अधिक फोकस है.

उन्होंने कहा कि देश के 58981 में पूरी तरह काम शुरू कर चुके है. 30770 मंडल में साप्ताहिक कार्य कर रहे हैं. इसमें 9200 वीकली शाखा मंडल स्तर पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक कुल 12 लाख 7 हजार तिरालीस लोगों ने RSS ज्वाइन करने की मंशा जाहिर की. इसमें करीब 46000 महिलाओं ने संघ ज्वाइन करने की मंशा जाहिर की. हमने उनको अलग अलग कार्यों में लगाया है.

RSS ने इन लोगों को पे किया ट्रिब्यूट
स्वामी प्रणवानंद
शिरीष महाराज जी मोरे
मनमोहन सिंह
जाकिर हुसैन
Mp vasudeo nayar
श्याम बेनेगल
प्रीतीश नंदी
एस एम कृष्णा
कामेश्वर चौपाल
तुलसी गौड़ा
शुक्रि उमा गौडा
शंकर दत्तावादी hss
देवेंद्र प्रधान ( उड़ीसा)
विवेक देवराय ( अर्थशास्त्री)

इन दो प्रस्तावों पर होगी चर्चा
इस वर्ष संघ स्थापना के 100 वर्ष हो रहे हैं, इसलिए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान संघ कार्य के विस्तार पर विचार-विमर्श किया जाएगा. विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026 तक शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में दो प्रस्तावों पर चर्चा होगी. पहला प्रस्ताव बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की स्थिति और भविष्य के उपायों पर होगा. दूसरा प्रस्ताव पिछले 100 वर्षों में संघ की यात्रा, शताब्दी वर्ष के दौरान गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं पर होगा.

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