
कश्मीर के कुलगाम जिले के प्रदर्शन का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में कथित तौर पर पुलिस अधिकारी महिला प्रदर्शनकारियों को लात मारती नजर आ रही है. वीडियो वायरल होने के बाद पूरे मामले पर सियासत भी शुरू हो चुकी है. यही कारण है कि जम्मू कश्मीर के DIG को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
इस मामले ने तूल उस समय पकड़ा जब विधान सभा का सत्र के दौरान हंगामा देखने को मिला. सुरंकोट से विधायक चौधरी मोहम्मद अकरम ने इस महिला पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है. उनकी इस मांग का समर्थन नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत कांग्रेस के विधायकों ने किया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक नजीर गुरेज से विधान सभा में सवाल उठाते हुए कहा कि क्या जम्मू कश्मीर पुलिस स्टेट हैं ? क्या पुलिस किसी को भी गिरफ्तार, मार सकती हैं ? क्या पुलिस के लिए कानून नहीं है.
महबूबा मुफ्ती की बेटी ने की कार्रवाई की मांग
पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिज़ा मुफ्ती ने एक्स पर यह कथित वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि एक पुलिसकर्मी ने एक महिला को सिर्फ इसलिए लात मारना चौंकाने वाला और अशोभनीय है क्योंकि वह देवसर कुलगाम में रहस्यमय मौतों के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही थी. कानून को बनाए रखने की उम्मीद रखने वाले अधिकारियों का यह अत्याचारी व्यवहार लोगों में विश्वास की कमी पैदा करता है और उन्हें और भी अलग-थलग कर देता है. जम्मू पुलिस से अनुरोध है कि इस पर तुरंत गौर करें.
क्या है पूरा मामला?
दक्षिणी कश्मीर में स्थित कुलगाम जिले के पहाड़ी क्षेत्र चंडियां पजान के निवासी दो भाई 25 वर्षीय रियाज अहमद 18 वर्षीय मोहम्मद शौकत और एक अन्य मुख्तार आवान 14 फरवरी से एक शादी में शरीक होने के लिए निकलने के बाद से लापता थे. वह इस इलाके से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित कुलगाम के अश्मोजी गांव में शादी में भाग लेने आरहे थे, पेशे से तीनों मजदूर थे. एक महीने बाद 14 मार्च को स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ ने रियाज और शौकत के शव माह अश्मोजी में स्थित वैश्व नाले से बरामद किए, तीसरे युवक का अभी भी कोई पता नहीं लग पाया है.
परिवारों ने इन तीन युवकों के लापता होने की रिपोर्ट पहले ही दक्षिणी कश्मीर के काजीगुंड में दर्ज कराई थी. पुलिस तबसे इस मामले की तफ्तीश में लग गई थी. पोस्टमार्टम में रियाज के मरने की वजह पानी में डूबना बताई गई हैं पर परिजन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. यही कारण है कि वे पूरे मामले में जांच की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर रविवार को इन युवकों के परिजनों ने राष्ट्रीय राज्यमार्ग को ब्लॉक करने की गरज से एक प्रदर्शन किया, जिसके बीच कथित तौर पर एक डीएसपी रैंक के अधिकारी ने महिला प्रदर्शनकारियों को लातें मारी