
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने वैश्विक खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की. इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ द्विपक्षीय चर्चा की. इस बातचीत में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी ने सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर ज्यादा फोकस किया.
इस बैठक में अजित डोभाल और तुलसी गबार्ड ने मुख्य रूप से खुफिया जानकारी शेयर करने और भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर मिलकर कैसे बेहतर तरीके से काम किया जाए, इस पर भी चर्चा की गई. तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर दिल्ली आई थीं. ये ट्रंप प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी की भारत में पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी.
सूत्रों के मुताबिक, तुलसी गबार्ड और अजित डोभाल की बातचीत अच्छी रही. अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक और कनाडाई जासूस प्रमुख डैनियल रोजर्स भारत की ओर से आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में शीर्ष वैश्विक खुफिया अधिकारियों में शामिल थे. इसकी अध्यक्षता अजित डोभाल ने की थी. इस मुद्दे पर विचार-विमर्श बंद दरवाजे के पीछे हुआ. फिलहाल, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
विदेशों में भारत विरोधी तत्वों पर भारत ने जताई चिंता
ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और भारत के कई दूसरे मित्र देशों के खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने की सूचना है. पिछले महीने गबार्ड ने वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि अपनी चर्चाओं में खुफिया प्रमुखों ने रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में संघर्ष सहित दुनिया की चुनौतियों पर चर्चा की.
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, आतंकवाद के लिए पैसे भेजने वाले संगठन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों से निपटने के लिए सहयोग चर्चा का अहम विषय रही है. साथ ही प्रत्यर्पण और इमिग्रेशन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई. भारत की तरफ से चर्चा में खालिस्तान समर्थक तत्वों सहित विदेशों में भारत विरोधी तत्वों पर चिंता जाहिर की.