
औरंगजेब पर की गई टिप्पणी के मामले में महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी बुधवार (12 मार्च) को जांच अधिकारी के सामने पेश हुए. आजमी पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हुए. पुलिस स्टेशन में पेश होने से पहले आजमी ने कहा कि कोर्ट की तरफ से जमानत मिल चुकी है, अब स्टेशन में पेश होने जा रहा हूं.
अबू आजमी ने कहा कि मैं मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन जा रहा हूं. अदालत ने मुझे पुलिस स्टेशन जाकर तीन दिनों तक पुलिस के सामने साइन करने के लिए कहा था. जहां पर केस दर्ज किया गया है और जांच में सहयोग करें.उन्होंने कहा कि कोर्ट ने खुद पुलिस से पूछा कि आपने स्टेटमेंट लिया? या फिर उनको पढ़ा? इस पर पुलिस ने नहीं जवाब दिया, जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि ऐसे कैसे आपने एफआईआर दर्ज कर ली. आजमी ने कहा कि ये फालतू में मामला दर्ज किया गया.
कोर्ट ने जमानत देते हुए कही थी ये बात
अबू आजमी को औरंगजेब पर टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि अबू आजमी को 12, 13 और 15 मार्च को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने उपस्थित रहना होगा. कोर्ट ने अबू आजमी को 20 हजार रुपये का सॉल्वेंट सिक्योरिटी बांड देने के बाद अग्रिम जमानत दी थी.
क्या था बयान जिस पर मच गया था बवाल?
अबू आजमी पर केस औरंगजेब की तारीफ करने वाली टिप्पणी को लेकर किया गया था. समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक पहुंच गई थीं. आजमी ने औरंगजेब के दौर का जिक्र करते हुए दावा किया था कि हमारा जीडीपी (विश्व जीडीपी) का करीब 24 फीसदी था और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था. साथ ही आजमी ने औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई को राजनीतिक लड़ाई करार दिया था.
विधानसभा से भी किए गए थे सस्पेंड
सपा विधायक की यह टिप्पणी छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित हिंदी फिल्म छावा को लेकर की गई थी, जिन्हें 1689 में औरंगजेब के कमांडर ने पकड़ लिया था. पिछले हफ्ते समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को औरंगजेब की तारीफ करने की वजह से 26 मार्च को चल रहे बजट सत्र के समाप्त होने तक विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था.