
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान यूपी के अधिकारियों की बार-बार दिल्ली यात्रा पर सख्त रुख अपनाया है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी अधिकारी बिना अनुमति प्रदेश से बाहर नहीं जाएगा. उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारियों को केवल जरूरी कारणों से ही दिल्ली जाने की अनुमति मिलेगी और इसके लिए उचित स्तर से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए कि दिल्ली जाने वाले अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट उनसे साझा की जाए. उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी बैठकों के बहाने बार-बार दिल्ली जाते हैं, जो उचित नहीं है. यदि किसी अफसर को किसी जरूरी कार्य से दिल्ली जाना है, तो उसे पहले उच्च स्तर से अनुमति लेनी होगी.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी को प्रदेश से बाहर जाने के लिए अब मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति लेनी होगी. इस फैसले से अधिकारियों की अकारण यात्राओं पर रोक लग सकेगी और प्रदेश में प्रशासनिक कार्यों की गति भी तेज होगी.
सीएम योगी गोरखपुर में मनाएंगे होली
वहीं, सीएम योगी होली मनाने गोरखपुर जाएंगे. गोरखपुर में होली सिर्फ रंगों की नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द की भी होती है, जिसका नेतृत्व गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते हैं. महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. इस साल वे 13 मार्च को होलिका दहन जुलूस और 14 मार्च को भगवान नरसिंह की भव्य शोभायात्रा में शामिल होंगे.
गोरखनाथ मंदिर में होली की शुरुआत होलिका दहन की पवित्र राख के तिलक से होती है, जो विभाजन पर आस्था की जीत का प्रतीक है. योगी आदित्यनाथ इस बात पर जोर देते हैं कि सच्ची भक्ति जाति और भेदभाव से परे होती है. नरसिंह होली जुलूस की शुरुआत 1944 में हुई थी, जब आरएसएस नेता नानाजी देशमुख ने अनुशासित उत्सव को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की थी. बाद में महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ ने इसे गोरक्षपीठ के साथ जोड़ दिया.