
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अपने आर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिर्जोयान के साथ बातचीत की, जिसमें व्यापार, संपर्क, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में भारत-आर्मेनिया संबंधों को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. आर्मेनिया के विदेश मंत्री इस समय भारत की यात्रा पर हैं.विदेश मंत्रालय ने देर रात जारी बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने चर्चा की, जिसमें उन्होंने राजनीतिक आदान-प्रदान, व्यापार, आर्थिक, संपर्क सुविधा, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के आपसी संपर्क के क्षेत्रों सहित भारत-आर्मेनिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग के बढ़ते दायरे की समीक्षा की.
दवा उद्योग में सहयोग पर सहमति
दोनों मंत्रियों ने डिजिटल टेक्नोलॉजीज और दवा उद्योग में सहयोग की संभावना तलाशने पर भी सहमति जताई. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बातचीत में संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों में बहुपक्षीय सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. मंत्रियों ने साझा हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
इस बातचीत के बाद सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान और आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय के डिप्लोमैटिक स्कूल के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. भारत के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और आर्मेनिया के सेंटर फॉर स्पेशलाइजेशन इन फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल टेक्नोलॉजी के बीच मेडिकल प्रोडक्ट रेगुलेशन के क्षेत्र में सहयोग पर एक और समझौता हुआ. आर्मेनिया के विदेश मंत्री ने भारतीय वैश्विक परिषद में बदलती दुनिया में आर्मेनिया-भारत संबंधों को मजबूत करना, बदलती दुनिया में भविष्य के संबंधों को सुरक्षित करना विषय पर एक व्याख्यान भी दिया.