
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ का मुद्दा संसद में गूंजा. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोझ ने सवाल उठाए तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की जांच चल रही है, जिसमें 18 लोगों की जान चली गई. रेल मंत्री ने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन किया जिसमें कहा गया कि घटना के समय सीसीटीवी कैमरे बंद थे. दरअसल, महाकुंभ मेले के दौरान ये भगदड़ हुई थी.
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘आज मुझे बहुत दुख हुआ जब उन्होंने कहा कि मैंने सच छिपाने के लिए सीसीटीवी का कैमरा बंद कर दिया था. 12 लाख रेलवे कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं… मैंने खुद सीसीटीवी फुटेज देखी है. जब कोई दुर्घटना होती है तो बहुत दुख होता है. राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है. हमें कदम उठाने पर ध्यान देना चाहिए. मैं स्पष्ट तौर पर खंडन करता हूं. सीसीटीवी कैमरे बंद नहीं किए गए थे.’
दरअसल, आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा- कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हुई. खबरें आईं कि सीसीटीवी ऑफ कर दिए गए. इसके अलावा मनोज झा ने रेलवे के तमाम पहलुओं पर चिंता जताई. उन्होंने प्रयागराज स्टेशन पर आउटसोर्सिंग के कारण पारंपरिक कुलियों की समस्याओं का उल्लेख किया. साथ ही साथ प्रीमियम ट्रेनों पर केंद्रित विकास और सामान्य ट्रेनों की उपेक्षा पर भी सवाल उठाए.
100 फीसदी विद्युतीकरण पर मनोज झा ने उठाए सवाल
आरजेडी सांसद ने 100 फीसदी ट्रैक के विद्युतीकरण की आवश्यकता पर पुनर्विचार करने और डीजल इंजनों के भविष्य पर विचार करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे मार्ग भी हैं जहां दिन में केवल एक गाड़ी चलती है और वहां विद्युतीकरण एक आर्थिक बोझ साबित हो सकता है. रेलवे स्टेशनों के सौंदर्यीकरण पर हुए खर्च के बारे में भी उन्होंने सवाल उठाया और पूछा कि क्या इन खर्चों से आम यात्रियों को वास्तव में कोई लाभ मिल रहा है.