
Prayagraj News : गंगा नदी की रेती पर दुर्लभ प्रजाति के नन्हे इंडियन स्कीमर (Indian Skimmer) के आगमन की तैयारी शुरू हो गई है। यह प्रजाति अपनी दुर्लभता के कारण पर्यावरण प्रेमियों और वाइल्डलाइफ संरक्षणकर्ताओं के लिए खास महत्व रखती है। इस दुर्लभ पक्षी के आगमन को लेकर वाइल्डलाइफ की टीम पूरी तरह से अलर्ट है और इसके सुरक्षित प्रवास के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।इंडियन स्कीमर, जो भारत की नदियों और तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है, अब गंगा की रेती पर आने के लिए तैयार है। इस पक्षी की प्रजाति को देखकर पर्यावरणविद और पक्षी प्रेमी अत्यधिक उत्साहित हैं, क्योंकि इसकी संख्या बहुत कम हो गई है। वाइल्डलाइफ टीम गंगा नदी के किनारे पर इस पक्षी की सुरक्षा और उसके घोंसले की स्थिति की निगरानी रखेगी।
वाइल्डलाइफ संरक्षणकर्ता और अधिकारियों ने इस दुर्लभ पक्षी के आगमन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इस दौरान न केवल सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे, बल्कि पक्षी की स्वाभाविक आदतों और प्रवास मार्ग की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को इस प्रजाति के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि वे पक्षी के वातावरण को बिना किसी रुकावट के बनाए रख सकें।वाइल्डलाइफ विभाग इस पक्षी की रक्षा के लिए विशेष गश्त और निगरानी का इंतजाम कर रहा है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि क्षेत्र में कोई शिकार या प्रदूषण इस पक्षी के प्रवास में बाधा न बने।इंडियन स्कीमर का आगमन गंगा की पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। इसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए वाइल्डलाइफ की टीम पूरी तरह से तत्पर है।
संगम तट पर विदेशी और दुर्लभ प्रजाति के स्कीमर पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। यह पक्षी अपनी दुर्लभता और पर्यावरणीय महत्व के कारण पक्षी प्रेमियों और वन विभाग के लिए खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग की टीम पूरी तरह से अलर्ट हो गई है।स्कीमर पक्षियों का आगमन संगम तट पर देखने को मिल रहा है, जो अपनी दुर्लभता के कारण अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। विदेशी और दुर्लभ प्रजातियों का आगमन पर्यावरणीय संतुलन के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। वन विभाग अब इस क्षेत्र में इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए निगरानी रखे हुए है, ताकि किसी भी तरह का शिकार न हो सके।
वन विभाग की टीम ने पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खास इंतजाम किए हैं। इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है और निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है ताकि कोई शिकार या अवैध गतिविधि न हो। साथ ही, स्थानीय निवासियों को भी इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है कि वे पक्षियों की सुरक्षा में मदद करें।वन विभाग की टीम इस दौरान स्कीमर पक्षियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए है। ये पक्षी अपनी प्राकृतिक यात्रा पर होते हैं, और उनकी सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि उन्हें शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण मिले।स्कीमर पक्षियों का संगम तट पर आगमन स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। वन विभाग की निगरानी और सुरक्षा प्रयासों के कारण इन पक्षियों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
महाकुंभ मेले में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के बाद अब गंगा की रेती पर दुर्लभ प्रजाति के नन्हे इंडियन स्कीमर के वेलकम की तैयारी शुरू हो गई है। महाकुंभ की शुरुआत में 150 जोड़े इंडियन स्कीमर यहां पहुंचे हैं, जो दिसंबर से लेकर फरवरी अंत या मार्च की शुरुआत तक अंडे देते हैं।
अब 150 जोड़ों के साथ ही इन दुर्लभ प्रजाति के नन्हे इंडियन स्कीमर को जंगली जानवरों से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर वाचर तैनात कर दिए गए हैं। इसी के साथ वाइल्डलाइफ की टीम भी अलर्ट कर दी गई है। विदित हो कि दुनिया के इस सबसे बड़े मेले में 90 से अधिक प्रजातियों के देशी और विदेशी पक्षी पहुंचे हैं, जो कि प्रदूषण को रोकने में भी काफी कारगर साबित होते हैं।
महाकुंभ में गंगा की रेती पर पक्षियों को देखने के लिए देश विदेश से लोग जुटते हैं। इसी के मद्देनजर यहां बर्ड फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया है। साथ ही सरकार की ओर से इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्लान तैयार किया गया है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव ने बताया कि महाकुंभ के दौरान इंडियन स्कीमर के 150 से अधिक जोड़े संगम क्षेत्र में पहुंचे हैं।
यहां वे प्राकृतिक वातावरण में अब घुल-मिल गए हैं। ये पक्षी जंगली जानवरों से अपने अंडे को बचाने के लिए संगम की रेती में छुपा देते हैं, जिन्हें बचाने और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से भी कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। दुर्लभ प्रजाति के अंडों और नन्हे पक्षियों को जंगली जानवरों और अन्य खतरों से बचाने के लिए बड़ी संख्या में वाचर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा वाइल्डलाइफ की टीम को भी लगाया गया है, जो पक्षियों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी गणना का भी काम कर रहे हैं। वन्यजीव सुरक्षा को लेकर वाइल्डलाइफ की टीम लगातार गश्त कर रही है।