सिम दूसरे को देने से पहले हो जाएं सावधान, जारी की गई नई एडवाइजरी..

किसी दूसरे को अपना सिम या मोबाइल देना हो सकता है आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है. अगर आपके सिम या मोबाइल का इस्तेमाल कोई दूसरा कर रहा है तो आप यह जान लें कि उसके गलती या अपराध की सजा का दण्ड भी आपको ही भुगतना होगा. केंद्र सरकार ने एक परामर्श जारी कर यह साफ कर दिया है कि अगर इस स्थिति में कोई धोखाधड़ी, साइबर अपराध या अन्य किसी गलत गतिविधि को अंजाम दिया जाता है तो जिम्मेदारी यूजर की होगी. कानून के तहत उसे ही सजा भुगतनी होगी और यह कहा जाना कि दूसरा कोई मेरे नाम के सिम या मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था. मैंने ऐसा नहीं किया तो यह मान्य नहीं होगा.

किसी दूसरे को अपना सिम या मोबाइल देना हो सकता है आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है. अगर आपके सिम या मोबाइल का इस्तेमाल कोई दूसरा कर रहा है तो आप यह जान लें कि उसके गलती या अपराध की सजा का दण्ड भी आपको ही भुगतना होगा. केंद्र सरकार ने एक परामर्श जारी कर यह साफ कर दिया है कि अगर इस स्थिति में कोई धोखाधड़ी, साइबर अपराध या अन्य किसी गलत गतिविधि को अंजाम दिया जाता है तो जिम्मेदारी यूजर की होगी. कानून के तहत उसे ही सजा भुगतनी होगी और यह कहा जाना कि दूसरा कोई मेरे नाम के सिम या मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था. मैंने ऐसा नहीं किया तो यह मान्य नहीं होगा.

देश भर में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध के दौर में यह सामने आया कि जामताड़ा हो या फिर मेवात साइबर ठगों ने दूसरे के नाम पर चल रहे सिम का इस्तेमाल कर अपराध को अंजाम दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सिम लेने की प्रक्रिया की चाकचौबंद कर दी और नियम भी सख्त कर दिए. इसके बाद ऐसे भी मामले सामने आए जिसमें करीबी लोगों को अपने नाम पर चल रहे थे.

टेलीकॉम कानून में किया गया संशोधन
अदालतों में ऐसे मामलों में पूरे गैंग का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस या एजेंसी को तब झटका लगा जब अधिकतर मामले में यह दावा किया जाने लगा कि फोन तो अमुक व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा था. इसके बाद सरकार ने टेलीकॉम कानून में संशोधन कर तय कर दिया कि सिम आपका तो जिम्मेदारी भी आपकी हो, भले ही सिम कोई भी इस्तेमाल कर रहा हो. अगर उससे अपराध हुआ है तो भुगतना आपको पड़ेगा.अब भले ही यह सच हो कि वाकई आपका सिम या मोबाइल कोई दूसरा इस्तेमाल करके अपराध को अंजाम दे गया हो. इस मामले में तीन साल की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना आपको भुगतना पड़ेगा.

दूरसंचार विभाग ने एक परामर्श जारी कर सिम या मोबाइल यूजर को जिम्मेदार बनने संबंधी सख्त कानून के प्रति जागरुक किया है. ऐसे में ख्याल रखें कि सड़क चलते अंजान व्यक्ति हो, जान-पहचान वाला हो या फिर कोई रिश्तेदार अपने सिम और मोबाइल का इस्तेमाल खुद करें. किसी और को सिमकार्ड नहीं सौंपे, क्योंकि ऐसा करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है.

आपके नाम पर कितने सिम चल रहे?
सरकार ने कानूनी तौर पर फर्जी दस्तावेजों या दूसरे के दस्तावेजों पर सिम लेना पहले ही अपराध घोषित कर दिया था. ऐसे में कोई अन्य अगर आपके नाम पर सिम लेने का प्रयास करेगा तो वह पकड़ा जाएगा. जबकि आप खुद जानना चाहें कि आपके नाम पर कितने सिम चल रहे हैं तो http://tafcop. sancharsaathi.gov. in/ पर जाकर 10 अंकों का मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालें. इसके बाद आपको मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा. ओटीपी डालने के बाद लॉगिन करना होगा और उसके बाद पूरी लिस्ट सामने आ जाएगी. अगर उसमें ऐसा कोई नंबर सामने आए, जो आप नहीं इस्तेमाल कर रहे हैं तो तत्काल उसे इनएक्टिव करने के साथ शिकायत भी कर सकते हैं.

साइबर अपराधी आईपी एड्रेस छिपाकर अपराध कर रहे हैं. ऐप के जरिए नंबर बना कर कॉल कर रहे हैं. यह सारी गतिविधि भी अब साइबर अपराध के गैरजमानती अपराध के दायरे में है. इसलिए सावधान रहें. गौरतलब है कि केंद्र सरकार साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के लिए लगतार कानूनी, प्रयोगिक और जागरुकता फैलाने वाले कदम उठा रही है. हाल ही में जारी एक शोध के मुताबिक, भारत में साइबर अपराध के मामलों में हर साल इजाफा हो रहा है

हर रोज लोगों के बैंक अकाउंट और निजी डेटा में साइबर अपराधी सेंध लगा देते हैं. इस क्रम में भारत विश्व के साइबर क्राइम इंडेक्स में 10वें पायदान पर है. इस इंडेक्स में 100 देशों को शामिल किया गया है. दुनिया में सबसे ज्यादा साइबर अपराध रूस में होते है और इसके बाद यूक्रेन का नंबर आता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के विशेषज्ञों ने तीन साल तक शोध करने के बाद वर्ल्ड साइबर क्राइम इंडेक्स तैयार किया है.

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