जम्मू-कश्मीर पर कितना है कर्ज? मुख्यमंत्री उमर ने विधानसभा में किया खुलासा..

जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश का बजट पेश किया. इस दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में राज्य के कर्ज के बारे में भी जानकारी दी.उन्होंने विधानसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. मुख्यमंत्री ने यह जानकारी विधानसभा में पीपुल्स पार्टी के विधायक सज्जाद गनी लोन के सवाल के जवाब में दी.सीएम ने बताया जम्मू-कश्मीर सरकार पर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में 27,900 करोड़ रुपये शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश का बजट पेश किया. इस दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में राज्य के कर्ज के बारे में भी जानकारी दी.उन्होंने विधानसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. मुख्यमंत्री ने यह जानकारी विधानसभा में पीपुल्स पार्टी के विधायक सज्जाद गनी लोन के सवाल के जवाब में दी.सीएम ने बताया जम्मू-कश्मीर सरकार पर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में 27,900 करोड़ रुपये शामिल हैं.

राज्य के कर्ज का पूरा हिसाब
सीएम ने बताया कि इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और राज्य विकास से 69,894 करोड़ रुपये के कर्ज, जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) में 27,901 करोड़ रुपये, रिजर्व में 14,294 करोड़ रुपये, बकाया राष्ट्रीय लघु बचत निधि में 5,758 करोड़ रुपये, समझौता कर्ज में 4,032 करोड़ रुपये, उदय बिजली ऋण में 2,616 करोड़ रुपये और भारत सरकार के अग्रिम में 710 करोड़ रुपये शामिल हैं. अब्दुल्ला ने कहा कि 27 फरवरी, 2025 तक विभिन्न खाता शीर्षों के तहत कोषागारों में कुल बकाया देयता 5,429.49 करोड़ रुपये है.गुरुवार को सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (ईएसआर) 2024-25 के अनुसार, 1,25,205 करोड़ रुपये का बकाया ऋण जम्मू-कश्मीर के जीएसडीपी 2,38,677 करोड़ रुपये का 52 प्रतिशत है.

राज्य पर 83,010 करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण वित्त वर्ष 2023-24 में कुल बजटीय बकाया ऋण का 66 प्रतिशत है, जिसमें 82,300 करोड़ रुपये का आंतरिक ऋण और भारत सरकार से 710 करोड़ रुपये का अग्रिम शामिल है. बजटीय बकाया ऋण का एक अन्य प्रमुख घटक भविष्य निधि है, जो कुल ऋण का 21 प्रतिशत है.

370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का पहला बजट पेश
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद विधानसभा में पहली बार बजट पेश किया गया. शुक्रवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने छह साल बाद जम्मू-कश्मीर का पहला बजट पेश किया और कहा कि यह आर्थिक विकास का रोडमैप है और लोगों की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिबिंब है. सीएम अब्दुल्ला की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Captcha loading...

Back to top button