कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश किया. इस बजट में अल्पसंख्यक समुदाय का विशेष ध्यान दिया. यही कारण है कि बीजेपी इसे मुस्लिम बजट बता रही है. बजट में अल्पसंख्यकों के लिए कौन सी बड़ी बातें इस बजट में की गई हैं, आइये जानते हैं. राज्य सरकार ने वक्फ संपत्तियों की मरम्मत, जीर्णोद्धार और मुस्लिम कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे और संरक्षण के लिए 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृति दी गई है.
सिद्धारमैया सरकार के बजट में मदरसों में आधुनिक सुविधाएं, जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये और ईसाई समुदाय के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
पुजारियों और इमामों का मानदेय बढ़ा
कर्नाटक राज्य बजट में जैन पुजारियों, सिखों के मुख्य अनुदानियों और मस्जिदों के पेश-इमामों को दिया जाने वाला मानदेय बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा. सहायक अनुदानी और मुअज्जिन को दिया जाने वाला मानदेय बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा.
सिद्धारमैया सरकार के बजट में ये खास ऐलान
वक्फ जमीन के संरक्षण रखरखाव और कब्रिस्तान के लिए 150 करोड़ का आवंटन किया गया है.
CM अल्पसंख्यक कॉलोनी डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत 1000 करोड़ का एक्शन प्लान वित्तीय वर्ष 25-26 में लागू होगा.
आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यकों की शादी के लिए हर जोडे को 50 हजार की सहायता की जाएगी.
हज भवन परिसर में एक और इमारत बनाई जाएगी.
कलबुर्गी जिले के चित्तपुरा तालुका में प्राचीन बौद्ध केंद्र सन्नति में सन्नति विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी.
कर्नाटक पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर 250 मौलाना आज़ाद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से प्री-प्राइमरी से लेकर पीयू तक की कक्षाएं शुरू की जाएंगी.
ब्रांड बेंगलुरु के तहत 21 परियोजनाओं के लिए 1,800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया.
मौसम संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये और कावेरी जल आपूर्ति परियोजना के पांचवें चरण के लिए ₹555 करोड़ आवंटित किए गए.
राज्य की सिद्धारमैया सरकार इसके अलावा भी कई तरह के ऐलान किए हैं.