आसाराम का करीबी 11 साल तक छिपा रहा: नाम, हुलिया और धर्म बदला, गवाहों पर हमले में था शामिल; नोएडा से गिरफ्तार

आसाराम रेप केस मामले में गुजरात पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से रेप केस के गवाह पर जानलेवा हमला करने वाले अपराधी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार शख्स की पहचान तमराज शाहू के रूप में हुई है. वो छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. पुलिस ने बताया कि तमराज शाहू 11 वर्षों से फरार था और वो आसाराम-नारायण सांई रेप केस में मोस्ट वॉन्टेड था. उस पर तेजाब फेंकने और हत्या जैसे संगीन अपराध के आरोप हैं.

आसाराम रेप केस मामले में गुजरात पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से रेप केस के गवाह पर जानलेवा हमला करने वाले अपराधी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार शख्स की पहचान तमराज शाहू के रूप में हुई है. वो छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. पुलिस ने बताया कि तमराज शाहू 11 वर्षों से फरार था और वो आसाराम-नारायण सांई रेप केस में मोस्ट वॉन्टेड था. उस पर तेजाब फेंकने और हत्या जैसे संगीन अपराध के आरोप हैं.

पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ का रहने वाला तमराज शाहू एक गैंग चलाता था. ये गैंग प्लान बनाकर आसाराम बापू मामले के गवाहों पर हमले करता था. तमराज शाहू का गिरोह बेहद खतरनाक था. इस गैंग पर तेजाब फेंकने, चाकू बाजी और हत्या करने में माहिर था. शाहू आपने हमले की योजना बहुत चतुराई से बनाता था. पहले वह पीड़ित के घर के आस-पास किराए पर घर लेता था. उसकी सारी गतिविधियों पर नजर रखता था. फिर सही समय पाकर उस पर हमला करता था.

हुलिया, नाम और धर्म बदला
पुलिस की नजर में आने के बाद तमराज शाहू ने अपना हुलिया बदल लिया. उसने धर्म बदला, नाम बदला और क्रिश्चन बन गया. वो पहचान छुपाकर नोएडा में रहने लगा. तमराज को आसाराम के सबसे करीबी लोगों में गिना जाता था. उसके खिलाफ कई राज्यों में 9 गंभीर मामले दर्ज थे. वो आसाराम के खिलाफ बोलने वालों को चुप करवाने का काम करता था. इसके लिए वो उन्हें डराता, धमकाता और नहीं मानने पर उन पर हमला करता था. एक समय ऐसा भी आया जब उसने इस काम के लिए AK-47 राइफल को भी हासिल करने की कोशिश की.

गिरफ्तारी पर था 50 हजार रुपये का इनाम
तमराज शाहू गिरफ्तारी से बचने के लिए कई सालों तक अंडरग्राउंड रहा. बार-बार अपनी पहचान बदली और राज्यों के बीच घूमता रहा. अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उस पर 50,000 रुपये का इनाम रखा था. सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि अब जांच में उन लोगों की भी पहचान करने की कोशिश की जा रही है जिन्होंने तमराज शाहू की बचने में सहायता की है. साथ ही उनका पता भी खंगाला जा रहा है जिन्होंने उसे आर्थिक तौर पर मदद पहुंचाई.

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