पेड़ों पर लटकी घड़ियां मंदिर में नहीं बची जगह, क्या है कहानी?

मध्यप्रदेश के उज्जैन में कई फेमस मंदिर हैं. श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं, वो भी उज्जैन में ही है. लेकिन इसके अलावा यहां एक ऐसा मंदिर भी है जहां लोग चढ़ावे के रूप में घड़ियां चढ़ाते हैं. हम बात कर रहे हैं घड़ी वाले बाबा सगस महाराज जी के मंदिर की.

इस मंदिर तक जाने के लिए आपको कठिन रास्ते पर चढ़ाई करने की जरुरत नहीं है. न ही आपको किसी पर्वत की चढ़ाई करनी है. ये मंदिर उज्जैन के उन्हेल से करीब दस किलोमीटर दूर गुराड़िया सांगा गांव के पास ही सड़क के किनारे ही बना है. इस मंदिर के पास से शिप्रा नदी बहती है. इस मंदिर का नाम है घड़ी वाले बाबा का सगस महाराज मंदिर.

कहते हैं की आजतक जिसने भी इस मंदिर में घड़ी बांधी है, उसकी हर मनोकामना पूरी हुई है. अगर आपका बुरा वक्त खराब चल रहा हो तो माना जाता है कि यहां घड़ी बांधने से अच्छा वक्त शुरू हो जाता है.

पेड़ों पर लटकी घड़ियां

इस मंदिर के पास एक विशालकाय पेड़ है. इस पेड़ पर करीब दो हजार से अधिक घड़ियां लटकी हुई हैं. जो भी इस मंदिर आता है, वो इस पेड़ पर घड़ी बांधकर जाता है. पिछले दो सालों में ही ये मंदिर काफी मशहूर हो गया है. आज हालात ऐसे हैं कि इस मंदिर के पेड़ पर घड़ी बांधने के लिए जगह बाकी नहीं है. साथ ही इस पर दो हजार से भी अधिक घड़ियां बंधी हुई है. कहते हैं कि रात को इस जगह से सिर्फ टिकटिक की आवाज आती है.

मंदिर में नहीं बची जगह

पहले इस मंदिर में आने वाले लोग भगवान की मूर्ति के पास घड़ी रखते थे. लेकिन कुछ ही सालों में इसकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ गई कि पूरा मंदिर ही घड़ियों से भर गया. इसके बाद लोगों ने मंदिर के बगल में मौजूद विशाल पेड़ पर घड़ी बांधना शुरू कर दिया. अब ये पेड़ भी घड़ियों से भर चुका है. लोगों का हाथ जहां तक पहुंचता है, वहां तक इसमें घड़ियां लटकी नजर आती है. लोग इस पेड़ पर अलग-अलग ब्रांड के घड़ी बांधकर चले जाते हैं. पेड़ की टहनियां पत्तों से नहीं, बल्कि इन घड़ियों से ही ढंकी नजर आती है.

Related Articles

Back to top button