Sitapur News : रेकी करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़..

Sitapur News : सीतापुर में सचल दल की रेकी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी इकट्ठा कर अपराध की योजना बनाता था।पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया।यह गिरोह पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था की रेकी कर अपराध की योजना बनाता था।पुलिस ने आरोपियों के पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है और मामले की जांच जारी है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है और समय रहते आवश्यक कदम उठा रही है।

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क्राइम ब्रांच ने सचल दल की रेकी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी ओवरलोड गाड़ियों को पास कराने का ठेका लेने के साथ मिट्टी, बालू व मौरंग के अवैध परिवहन के कारोबार में शामिल थे। अधिकारियों की रेकी कर उनकी लोकेशन को शेयर किया जाता था। इसके लिए बकायदा एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था। इसमें वह एआरटीओ, पुलिस, खनन अधिकारी आदि की लोकेशन को अलग-अलग पास कोड के जरिए साझा करते थे।

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एसपी ने बताया कि पिछले दिनों खनन अधिकारी के होमगार्ड ने चार लोगाें के खिलाफ धमकाने की शिकायत की थी। पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच व शहर कोतवाली पुलिस की टीम बनाकर जांच शुरू क गई। पता चला कि एक व्हाट्सएप ग्रुप चल रहा है। इसमें हर अधिकारी के लिए एक खास पास कोड निधार्रित है। जांच में पता चला कि जिले में अवैध ओवरलोड वाहनों के सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन के लिए इसी ग्रुप पर सिंडीकेट चलता था। इसमें एआरटीओ, खनन अधिकारी व पुलिसकर्मियों की लोकेशन निरंतर साझा होती रहती है। वाहनों को चेकिंग से बचाकर पास कराने का ठेका लिया जाता था। अधिकारियों के नाम के लिए एक निर्धारित पास कोड का प्रयोग किया जाता था। इस गिरोह में ट्रांसपोर्टर्स भी जुड़े हुए हैं।

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कानपुर निवासी मोहन गुप्ता है गिरोह का सरगना…

पुलिस सूत्रों के अनुसार कानपुर के रूरा थाना क्षेत्र का कमलापुर गांव निवासी मोहन गुप्ता इस गिरोह का सरगना है। वह लोकेशन गिरोह को संचालित करता था। पुलिस टीम ने मोहन के साथ तालगांव निवासी कलीम, सिधौली के बाड़ी निवासी रहमत अली, हैदर अली (शहंशाह) उर्फ गोलू, सिधौली के प्रेमनगर दक्षिणी निवासी अफसर अली, इरफान, सिद्धेश्वर नगर निवासी मोहम्मद आसिफ, सिधौली कस्बा निवासी मो शादाब, लहरपुर निवासी मो. शहनवाज और रामकोट निवासी अमन को गिरफ्तार किया है। इन सभी को जेल भेज दिया गया है।

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यूपी 34, मंडी व अन्य व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा होती थी लोकेशन…
अमर उजाला ने सात फरवरी 2024 को धड़ल्ले से हो रहा एंट्री का खेल शीर्षक से खबर प्रकाशित कर ओवरलोडिंग वाहनों को पास कराने के खेल का खुलासा करते हुए एक खबर प्रकाशित की थी। इसमें एंट्री के खेल का भी पूरा जिक्र किया गया था। हालांकि उस समय तत्कालीन एआरटीओ ने इस प्रकार के सिंडीकेट से इन्कार कर दिया था। अब क्राइम ब्रांच इस गिरोह की तह तक जाने की तैयारी कर रही है। जांच में सामने आया है कि यूपी 34, मंडी लोकेशन व अन्य नाम से बने व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिये पूरा खेल होता है। इसमें विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

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बिना विभागीय संलिप्तता के कैसे शेयर हो रही थी लोकेशन..
क्राइम ब्रांच परिवहन, खनन, पुलिस विभाग में इस सिंडीकेट के मददगारों की भी तलाश कर रही है। सूत्रों के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में अहम सुराग मिले हैं। पता चला है कि इस सिंडीकेट की कमाई का एक हिस्सा किसी विभागीय कर्मचारी तक पहुंचाया जाता है। हालांकि पकड़े गए आरोपियों में एक भी विभागीय कर्मचारी शामिल नहीं है।

हमीरपुर से आ रहे ट्रकों का लिया जाता है ठेका…

सूत्रों के अनुसार हमीरपुर से सीतापुर मौरंग लेकर आ रहे ओवरलोड ट्रकों का सिंडीकेट ठेका लेता था। सीतापुर में इटौंजा टोल प्लाजा के बाद से ही जिले के एजेंट सक्रिय हो जाते थे। कुछ स्थानीय ढाबे व राष्ट्रीय राजमार्ग के होटल सिंडीकेट के मददगार के रूप में सामने आए हैं। इनकी जांच की जा रही है। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि एक लोकेशन के तीन सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक तय होते थे।

ऐसे खुला मामला..

एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि एक होमगार्ड ने शहर कोतवाली में केस दर्ज कराया था। इमलिया सुल्तानपुर के गांव टीकर बहादुर निवासी रूप सिंह के मुताबिक वह मौजूका समय खनन अधिकारी की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात हैं। 20 फरवरी की रात करीब दस बजे वह अपने अधिकारी व अन्य होमगार्ड राजेंद्र कुमार और चालक कृपाल के साथ भ्रमण पर जा रहे थे। कनवाखेड़ा मोड़ के पास नवीन चौक की तरफ से एक तेज रफ्तार कार आ रही थी। कार सवार हैदरअली उर्फ शहंशाह, कलीम, आसिफ और अफसर अली ने होमगार्ड को कुचलने का प्रयास किया था। खनन अधिकारी से भी अभद्रता की थी। मामले में केस दर्ज कराया था। इसके बाद आरोपियों को हिरासत में लिया गया तो गैंग की परत दर परत खुलती चली गई।

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