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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर लाखों डॉलर भारत भेजे जाने को लेकर चिंता जाहिर की है. जयशंकर ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि ये ऐसी गतिविधियां हैं जिनका एक निश्चित उद्देश्य है, कि वो किसी एक तरह के नजरिए को आगे बढ़ाना चाहते हैं. ऐसे में एक सरकार के रूप में हम इस पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे संगठनों का दायित्व है कि वे रिपोर्ट करें.
मेरा मानना है कि रिपोर्ट करने पर तथ्य सामने आएंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन से पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले भारत में मतदाता मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर के कथित का मुद्दा उठाया था.
दिल्ली विश्वविद्यालय के साहित्य महोत्सव में विदेशमंत्री ने कहा कि आपके घर से बाहर निकले बिना भी आपकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि सोचने की क्षमता, बोलने के लिए कोई विचार, आपका मनोबल, सही और गलत के बारे में आपकी समझ, इन सब पर आपके फोन का प्रभाव होता है. फोन के जरिए स आप जो हर दिन पढ़ते हैं, जो तस्वीरें आप देखते हैं. उन सभी चीजों से से प्रभावित होते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की ओर से दी गई ये जानकारी जाहिर तौर पर चिंताजनक है.
USAID पर सौदे को लेकर क्या बोले विदेश मंत्री?
विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (DOGE) ने रद्द किए गए अमेरिकी करदाता-वित्त पोषित पहलों की एक सूची पोस्ट की है. इसमें भारत में मतदाता मतदान के लिए निर्धारित 21 मिलियन डॉलर के बारे में जिक्र किया गया है.
उन्होंने कहा कि मैंने पढ़ा है कि किसी शख्स ने USAID के साथ सौदा किया. देखिए, यह सवाल नहीं है कि आप USAID के साथ सौदा करते हैं या नहीं. USAID को अनुमति दी गई थी. ऐतिहासिक रूप से यहां रहा है, लेकिन USAID को सद्भावनापूर्ण गतिविधियां करने की अनुमति दी गई थी. अमेरिका से सुझाव दिए जा रहे हैं कि चुनाव को लेकर की गई इस तरह की गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण हैं. इसलिए, इस पर निश्चित रूप से गौर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि और अगर इसमें कुछ है, तो मुझे लगता है कि देश को पता होना चाहिए कि दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में कौन लोग शामिल हैं.