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Jhansi News : हाल ही में एक युवक की इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई, जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस घटना के बाद, संबंधित ईएमओ (इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर) को निलंबित कर दिया गया है।दुर्घटना में घायल युवक की समय पर इलाज न मिलने पर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। इस मामले में आकस्मिक चिकित्साधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। परिजन के हंगामे के बाद मेडिकल प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई की गई है। परिजन का आरोप है कि युवक तकरीबन छह घंटे तक तड़पता रहा, लेकिन उसका इलाज नहीं किया गया। मौत के बाद उसे भर्ती करने की औपचारिकता की गई थी।
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प्रेमनगर थाना इलाके के राजगढ़ निवासी विनय अहिरवार (18) एक ठेकेदार के यहां बिजली का काम करता था। उसकी बड़ी बहन सोनम ने बताया कि विनय बृहस्पतिवार की सुबह तकरीबन 11 बजे ठेकेदार के भाई शहबाज उर्फ बिट्टो के साथ बाइक से काम करने के लिए शिवपुरी जा रहा था। इसी दौरान रक्सा टोल प्लाजा के पास एक ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में विनय गंभीर रूप से घायल हो गया था। जबकि, शहबाज को मामूली चोट आई थी। आनन-फानन में विनय को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बहन ने बताया कि सूचना पर वह, मां राजकुमारी और पिता मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे।
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बहन ने बताया- कि जब वह दोपहर 12 बजे मेडिकल की इमरजेंसी में पहुंचे तो वहां भाई दर्द से चीख रहा था। बावजूद उसका इलाज नहीं किया जा रहा था। शरीर में हुए घाव से खून बह रहा था, लेकिन इसकी रोकथाम का कोई उपाय नहीं किया जा रहा था। बहन ने कहा कि उसका उन्हीं लोगों द्वारा एक्स-रे और सीटी स्कैन कराया गया, जिसे देखकर डॉक्टर ने कहा कि सब ठीक है, लेकिन भाई को देखने को डॉक्टर नहीं आया। पिता ने एक डॉक्टर के हाथ-पैर तक जोड़े। शाम 5:27 बजे उसे भर्ती किया गया, लेकिन तब तक वह मर चुका था।
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भाई छह घंटे तक तड़पता रहा, लेकिन उसे इलाज नहीं मिला, जिससे भाई की मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना पर बृहस्पतिवार की देर रात काफी संख्या में लोग मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। भीड़ ने कई बार इमरजेंसी के भीतर घुसने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया था। तकरीबन तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा था। पुलिस के आश्वासन पर मामला शांत हुआ। परिजन की ओर से लिखित शिकायत सीएमओ को दी गई थी। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. मयंक सिंह ने बताया- कि युवक को भर्ती करने में लापरवाही सामने आने पर ड्यूटी पर मौजूद आकस्मिक चिकित्साधिकारी डॉ. राजकुमार राणा को निलंबित कर दिया गया है।