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Orai News : करीब 33 साल पहले एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक से मारपीट और लूट की घटना में विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट ने दो आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। एक आरोपी पर 40 हजार रुपये और दूसरे पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मामला 1992 का है, जब आरोपी ने एक शिक्षक के साथ मारपीट कर उनसे नकदी और कीमती सामान लूट लिया था। शिक्षक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। मामले में लंबी जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए गए, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने इस मामले में सजा के साथ जुर्माना भी लगाया, जो लूट के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के रूप में लगाया गया है। यह फैसला न्यायालय द्वारा पुराने मामलों को गंभीरता से लेकर उनके समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जाने का संकेत है।
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आटा थाना क्षेत्र के पिपरायां निवासी बलवान सिंह ने 21 फरवरी 1992 में उरई कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। बताया था कि कदौरा ब्लॉक के कुरहना आलमगीर में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं। 21 फरवरी 1992 की दोपहर वह कुरहना आलमगीर से पढ़ाकर घर लौट रहे थे। रास्ते में इटौरा पुलिया के पास छिपे प्रताप सिंह, भानसिंह, मुकुट सिंह, महा सिंह निकले। इन लोगों ने उस पर अचानक लाठियों से हमलाकर लहूलुहान कर दिया। हमलावर जेब में पड़े ढाई सौ रुपये, घड़ी और साइकिल लूट ले गए। उसके चीखने पर ग्रामीण दौड़े तो हमलावर भाग गए। घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने लूट सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर घटनास्थल आटा थाना क्षेत्र का होने पर केस आटा थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था। आटा पुलिस ने चारों हमलावरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में एक जुलाई 2011 को चार्जशीट दाखिल की थी। ट्रायल के दौरान प्रताप सिंह और महा सिंह की मृत्यु हो गई थी। जबकि मुकुट सिंह और भानसिंह के खिलाफ ट्रायल चल रहा था। 33 वर्ष पुराने मामले में गुरुवार को डकैती कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। जिसमें दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस, गवाहों और सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट डॉ. अवनीश कुमार ने डकैती में मुकुट सिंह और भानसिंह को दोषी पाते हुए सात सात साल की सजा सुनाई। अदालत ने भानसिंह पर 40 हजार और मुकुट पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।