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केंद्र सरकार पीएम केयर्स योजना के तहत छात्रों को मुफ्त में जेईई, नीट और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग की सुविधा देगी. योजना के अनुसार छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग दी जाएगी. आइए जानते हैं कि पीएम केयर्स योजना क्या है और इस योजना के तहत किस कैटेगरी के छात्रों को फ्री कोचिंग का लाभ मिलेगा.
सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के साथ-साथ पीएम केयर्स योजना के तहत आने वाले छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग प्रदान करने की सुविधा शुरू की है. छात्रों के लिए जाति और आय संबंधी प्रतिबंधों को हटाते हुए पीएम केयर्स लाभार्थियों को भी इसका लाभ दिया गया है. इस योजना के तहत छात्रों को कई तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा मिलेगी.
क्या है PM केयर योजना?
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम 29 मई, 2021 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है, जिन्होंने 11 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2022 तक कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खो दिया है. पीएम केयर चिल्ड्रेन योजना, प्रत्येक छात्र को अध्ययन के प्रत्येक वर्ष (अर्थात प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले डिग्री छात्रों के लिए अधिकतम 4 वर्ष और डिप्लोमा छात्रों के लिए अधिकतम 3 वर्ष) के लिए प्रति वर्ष 50,000 रुपए की सहायता प्रदान करती है, जो कॉलेज की फीस के भुगतान, कंप्यूटर, स्टेशनरी, किताबें, उपकरण, सॉफ्टवेयर आदि की खरीद के लिए एकमुश्त राशि के रूप में प्रदान की जाती है.
इन प्रतियोगी परीक्षाओं को मिलेगी फ्री कोचिंग
योजना के तहत यूपीएससी, राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाएं, बैंकों, बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए अधिकारी-ग्रेड भर्ती परीक्षाएं शामिल हैं. इसके अलावा जेईई, नीट, कैट, क्लैट जैसी प्रवेश परीक्षाएं के लिए भी पात्र छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के इच्छुक छात्रों को GRE, GMAT, IELTS, TOEFL और SAT जैसी परीक्षाओं के लिए भी कोचिंग भी मिलेगी. योजना में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) जैसी रक्षा संबंधी परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान की जाएगी.
कितनी सीटों पर किया जाएगा चयन?
इस योजना के तहत सालाना कुल 3,500 छात्रों का चयन किया जाएगा. इनमें से 70 प्रतिशत सीटें एससी छात्रों को आवंटित की जाएंगी, जबकि 30 प्रतिशत ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक श्रेणी में कुल सीटों का 30 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होगा. यदि किसी श्रेणी में पर्याप्त महिला आवेदक नहीं हैं, तो शेष सीटें उसी श्रेणी के पुरुष उम्मीदवारों द्वारा भरी जाएंगी. पीएम केयर्स लाभार्थियों के मामले में, योजना के तहत प्रवेश पाने वाले छात्रों की संख्या की कोई सीमा नहीं होगी.
कितनी होनी चाहिए सालाना आय, कैसे होगा चयन?
इस योजना के लिए पात्र होने के लिए एससी और ओबीसी छात्रों की पारीवारिक आय 8 लाख रुपए सालाना या उससे कम होनी चाहिए. वहीं बोर्ड परीक्षा का छात्र का नंबर 50 फीसदी होना चाहिए. चयन योजना के तहत पैनल में शामिल केंद्रीय विश्वविद्यालय आवेदनों की समीक्षा करेंगे और योग्यता के आधार पर शॉर्टलिस्ट तैयार करेंगे. वहीं पीएम केयर्स योजना के तहत आने वाले छात्रों को चयन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा और उन्हें सीधे प्रवेश दिया जाएगा.
छात्रों को ये भी मिलेंगी सुविधाएं
सरकार छात्रों की कोचिंग फीस पूरी तरह से वहन करेगी, जो कोर्स के आधार पर 20,000 रुपये से लेकर 75,000 रुपए तक होगी. इसके अलावा छात्रों को उनके खर्चों में सहायता के लिए 12 महीने तक 4,000 रुपए का मासिक वजीफा भी मिलेगा. दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सिविल सेवा और राज्य सेवा परीक्षा के मुख्य चरण को पास करने वाले उम्मीदवारों को और अधिक सहायता देने के लिए उन्हें इंटरव्यू की तैयारी में मदद करने के लिए अतिरिक्त 15,000 रुपए प्रदान किए जाएंगे.