Kanpur News : बेवजह अलग हुई पत्नी को, कोई भरण-पोषण नहीं !

Kanpur News : उत्तर प्रदेश के रायबरेली से एक खबर सामने आ रही हैं…जहां हाल ही में एक महत्वपूर्ण परिवारिक विवाद में अदालत ने फैसला सुनाया कि यदि पत्नी बेवजह अपने पति से अलग रहती है, तो वह भरण-पोषण भत्ते (maintenance allowance) की हकदार नहीं हो सकती। यह फैसला [कोर्ट का नाम] ने सुनाया, जिसमें कोर्ट ने यह माना कि यदि पत्नी ने पति के साथ अपने वैवाहिक रिश्ते में कोई ठोस कारण नहीं दिखाया और वह सिर्फ बेवजह अलग रहती है, तो उसे भरण-पोषण भत्ते की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस मामले में पत्नी ने पति से अलग रहने के कारण भरण-पोषण भत्ते की मांग की थी, जबकि पति ने कहा कि पत्नी के पास कोई ठोस कारण नहीं था और वह घर छोड़कर अपनी इच्छा से अलग हुई थी।कोर्ट ने इस मामले में पति की स्थिति को सही ठहराते हुए कहा कि पत्नी को भरण-पोषण भत्ते का अधिकार तभी होगा जब वह अपने पति से वैध कारणों से अलग हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाहिक संबंधों का उल्लंघन करने और बिना किसी कारण के अलग रहने पर भरण-पोषण भत्ते का दावा असंगत है।

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कानपुर में शादी के सात महीने में ही पति-पत्नी में विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों अलग रहने लगे। शिक्षक पति ने विदाई का मुकदमा दर्ज कराया। कोर्ट ने आदेश दिया लेकिन पत्नी ससुराल नहीं गई। पत्नी ने भरण-पोषण भत्ते के लिए मुकदमा दाखिल किया, जिसे पारिवारिक न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीश तृतीय आलोक कुमार ने खारिज कर दिया। कहा कि पत्नी बेवजह पति से अलग रह रही है इसलिए भरण-पोषण की राशि पाने की अधिकारी नहीं है। हालांकि कोर्ट ने मुकदमा दाखिल करने की तारीख से फैसले की तारीख तक 13 हजार रुपये प्रतिमाह अंतरिम भरण-पोषण भत्ता देने का निर्देश भी दिया है।

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दहेज प्रताड़ना का लगाया था आरोप..

बाबूपुरवा कॉलोनी निवासी युवती का विवाह नई दिल्ली के द्वारिका निवासी सरकारी स्कूल के शिक्षक के साथ 22 जनवरी 2018 को हुआ था। कुछ ही माह में पति-पत्नी में अनबन के बाद मुकदमेबाजी शुरू हो गई। पत्नी ने गुजारा भत्ता के लिए मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें आरोप लगाया कि पति व ससुरालीजन दहेज में पांच लाख रुपये और कार की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे।

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40 हजार प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिलाया जाए..

साथ ही पति पर जबरन शराब पिलाने व अन्य अभद्र आचरण की बात कही। 6 अक्टूबर 2018 को बुरी तरह मारा पीटा। डायल 100 पर सूचना देने पर पुलिस आई और पति को थाने ले गई, तो ससुरालवालों ने उसे निकाल दिया। पति सरकारी शिक्षक है और 61 हजार रुपये वेतन पाता है । इसलिए उसे 40 हजार रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिलाया जाए।

बूढ़े मां-बाप को जेल भिजवाने की धमकी देती..

वहीं, पति ने जवाब में कहा कि पत्नी शादी के पहले से ही शराब और सिगरेट पीती थी। शादी के चार दिन बाद ही सिगरेट और शराब की जिद करने लगी। मना करने पर खुदकुशी की धमकी दी। बिना बताए घंटों घर से गायब रहती और समझाने पर बूढ़े मां-बाप को जेल भिजवाने की धमकी देती। सात अक्टूबर 2018 को उसे थाने में बंद कराकर जेवर लेकर चली गई।

वैवाहिक साइट पर प्रोफाइल भी बनाई..

दूसरे विवाह के लिए वैवाहिक साइट पर प्रोफाइल भी बनाई है। घरेलू हिंसा अधिनियम में वह दस हजार रुपये प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण भत्ता अदा भी कर रहा है। अधिवक्ताओं ने बताया- कि कोर्ट ने माना कि क्रूरता और प्रेम साथ-साथ नहीं चल सकता। पत्नी क्रूरता का कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। पति साथ रखना चाहता है, लेकिन पत्नी नहीं रहना चाहती।

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