दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. इस बार के चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 37 पर बीजेपी जीत चुकी है जबकि 11 सीटों पर आगे चल रही है. मतलब बीजेपी को 48 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. इस चुनाव में एक और बड़ा उलटफेर नई दिल्ली विधानसभा सीट पर देखने को मिला है, जहां अरविंद केजरीवाल को करारी हार झेलनी पड़ी है. केजरीवाल इस सीट से लगातार तीन बार से विधायक थे, लेकिन इस बार उन्हें बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा के हाथों हार झेलनी पड़ी है. इस चुनाव में दिल्ली की कई ऐसी सीटें रही हैं जहां पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को 5000 से कम वोटों से हार झेलनी पड़ी है. इसमें अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट भी शामिल है.
नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल 4089 वोटों से हारे
एक नजर उन पांच सीटों पर भी डाल लेते हैं जहां पर आम आदमी पार्टी के नेताओं को 5000 से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. ये सभी पांच सीटों की गिनती वीवीआईपी में हो रही थी. इसमें पहली सीट अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली है. यहां बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4089 वोटों से मात दी है. चुनाव में बीजेपी को 30088 वोट मिले हैं जबकि आम आदमी पार्टी को 25999 वोट मिले हैं.
ग्रेटर कैलाश सीट पर सौरभ भारद्वाज 3188 वोटों से हारे
दूसरे नंबर पर ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट है. यहां से आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा विधायक सौरभ भारद्वाज को 3188 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. चुनाव में सौरभ भारद्वाज की लड़ाई बीजेपी के शिखा रॉय से थी. बीजेपी उम्मीदवार को 49594 वोट मिले जबकि सौरभ भारद्वाज 46406 वोटों पर ही सिमट कर रह गए. इस तरह से बीजेपी ने 3188 वोटों से यह सीट जीतने में सफल रही है.
सोमनाथ भारती की भी करारी हार
तीसरे नंबर पर मालवीय नगर की विधानसभा सीट है. जहां, से आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती मैदान में थे. वहीं, बीजेपी ने यहां से सतीश उपाध्याय को टिकट दिया था. चुनाव में बीजेपी की रणनीति फिट बैठी और उपाध्याय 2131 वोटों से जीत हासिल करने में सफल रहे. चुनाव में बीजेपी को 39564 वोट मिले जबकि आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती को 37433 वोट मिले हैं. यह तीसरी ऐसी सीट है जहां पर हार और जीत का अंतर 5000 वोटों से कम देखने को मिला है.
दुर्गेश पाठक का भी हुआ बुरा हाल
चौथे नंबर पर दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट है, जहां पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक को मात्र 1231 वोटों से करारी हार झेलनी पड़ी है. पाठक से मुकाबला के लिए बीजेपी ने उमंग बजाज को मैदान में उतारा था. चुनाव में उमंग को 46671 वोट मिले जबकि दुर्गेश पाठक को 45440 वोट पड़े. इस तरह से इस सीट पर भी मुकाबला कांटे की टक्कर का था, जिसमें बीजेपी विजयी हुई.
सिसोदिया की उम्मीदें भी टूटी
पांचवें नंबर पर जंगपुरा विधानसभा सीट है, जहां पर आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हार का सामना करना पड़ा है. ऊपर की चार सीटों में सबसे नजदीकी हार सिसोदिया को ही देखने को मिली है. चुनाव में सिसोदिया को मात्र 675 वोटों से हार झेलनी पड़ी है. बीजेपी ने इस सीट से तरविंदर सिंह मारवाह को मैदान में उतारा था. तरविंदर को 38859 वोट मिले हैं जबकि सिसोदिया को 38184 वोट पड़े. पिछले चुनाव में सिसोदिया ने पटपड़गंज की सीट से चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें जीत मिली थी. हालांकि उस समय पर हार और जीत का अंतर 5000 से कम था जबकि इस बार आंकड़ा 1000 से भी कम पहुंच गया है.
केजरीवाल, नई दिल्ली सीट- 4089 वोट से हारे
सौरभ भारद्वाज, ग्रेटर कैलाश सीट- 3188 वोटर से हारे
सोमनाथ भारती, मालवीय नगर सीट – 2131 वोट से हारे
दुर्गेश पाठक, राजेंद्र नगर सीट- 1231 वोट से हारे
मनीष सिसोदिया, जंगपुरा सीट- 675 वोट से हारे
तीन और सीटें जहां, 1500 से कम वोटों से हार
टॉप फाइव सीटों को छोड़ दे तो तीन और ऐसी सीटें हैं जहां पर जीत और हार का अंतर 1500 से कम रहा है. संगम विहार में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दिनेश मोहनिया को 344 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर बीजेपी के चंदन कुमार चौधरी को 54049 वोट मिले हैं.दूसरी ओर त्रिलोकपुरी सीट पर भी आम आदमी पार्टी के अंजना पार्चा भी 392 वोटों से चुनाव हारी हैं. इस सीट पर बीजेपी के रवि कांत को 58217 वोट मिले हैं. वहीं, तिमारपुर सीट से आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र पाल सिंह को 1168 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. तिमारपुर में बीजेपी उम्मीदवार सूर्य प्रकाश खत्री को 55941 वोट मिले हैं. वहीं,
दिनेश मोहनिया, संगम विहार सीट- 344 वोट से हारे
अंजना पार्चा, त्रिलोकपुरी सीट- 392 वोट से हारे
सुरेंद्र पाल सिंह, तिमारपुर सीट- 1168 वोट से हारे
केजरीवाल ने उठाया था वोट काटने का मुद्दा
चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली के साथ-साथ कई ऐसी सीटों पर वोटर लिस्ट से कुछ वोटरों के नाम कटवाने का आरोप भी लगाया था. केजरीवाल ने कहा था कि बीजेपी कई सीटों पर वोटर लिस्ट से जबरन कुछ लोगों का नाम कटवा रही है. केजरीवाल के ये आरोप कितने सही हैं नहीं यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि केजरीवाल ने जिस बात का डर जताया था वहीं हुआ.