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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ होने में अभी कुछ देर है मगर शुरूआती रूझानों में भारतीय जनता पार्टी को बढ़त मिलती दिख रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी फिलहाल पीछे नजर आ रही है. इन दोनों के बीच चल रही कांटे की टक्कर में कांग्रेस अस्तित्त्व की लड़ाई लड़ती दिख रही है. सुबह 9 बजे तक की जानकारी के मुताबिक कांग्रेस केवल दो सीटों पर आगे चल रही थी. दिल्ली में कुल 70 विधानसभा की सीटें हैं. बहुमत के लिए 36 का आंकड़ा लाना जरूरी है. सबसे दिलचस्प बात ये रही कि आज काउंटिंग के दिन दिल्ली में मौजूद कांग्रेस पार्टी का प्रदेश मुख्यालय 8 बजकर 40 मिनट पर भी ताला लगा नजर आया. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी कैसा प्रदर्शन करती है, इस पर सभी की निगाहें होंगी.
BJP 27 साल से सत्ता से दूर
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे ये तय करेंगे कि क्या तीसरी दफा आम आदमी पार्टी सरकार बनाएगी या फिर भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली में जारी 27 बरस का वनवास समाप्त होगा. बीजेपी 27 साल से देश की राजधानी दिल्ली में सत्ता से बाहर है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का दिल्ली में खाता भी नहीं खुल सका था. कई एग्जिट पोल ने इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बढ़त होने की बात की थी. आम आदमी पार्टी दिल्ली में पिछले दस साल से सत्ता में है. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया था कि एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत दिखाकर उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है ताकि उनके विधायकों को आसानी से तोड़ा जाए.
15 साल रही कांग्रेस सरकार
कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में लगातार पंद्रह साल तक शासन किया. शीला दीक्षित 2013 तक मुख्यमंत्री रहीं. मगर उनके बाद पार्टी की दिल्ली में जो दुर्गति हुई, वह अब तक उससे उबर नहीं सकी है. सवाल है कि क्या इस चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का चुनाव प्रचार कांग्रेस को कुछ फायदा पहुंचाएगा? या फिर अब भी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाएगी? इस पर कांग्रेस के अलावा उसकी अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक के घटक दलों की भी निगाहें होंगी.